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    निजी मेडिकल कॉलेजों की 675 सीटों पर सरकारी दरों पर होगा एडमिशन, 40800 रुपये होगी एनुअल फीस

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 09:00 PM (IST)

    बिहार के निजी मेडिकल कॉलेजों में अब आधी सीटों पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर एडमिशन होगा जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है जिसके तहत लगभग 675 सीटों पर 40800 रुपये वार्षिक फीस लगेगी। यह निर्णय राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के निर्देशानुसार लिया गया है।

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    निजी मेडिकल कॉलेजों की 675 सीटों पर सरकारी दरों पर होगा एडमिशन

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के निजी मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही 50 प्रतिशत सीटों पर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर एडमिशन होगा। निजी मेडिकल कॉलेजों को मिलाकर एमबीबीएस पाठ्यक्रम की कुल 1350 सीटें हैं जिनमें से 675 सीटों पर राज्य सरकार निर्धारित दरों पर छात्रों का नामांकन होगा। यह फीस करीब 40,800 रुपये वार्षिक होगी।

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    स्वास्थ्य विभाग ने करीब दो वर्ष पूर्व राज्य मंत्रिमंडल से स्वीकृत इस प्रस्ताव को लागू करने के संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सरकार ने अपने निर्णय से संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के परीक्षा नियंत्रक को भी अवगत करा दिया है। साथ ही यह कहा है कि इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए इसे इसी शैक्षणिक सत्र से प्रभावी बनाया जाए।

    इन कॉलेजों में सरकारी दरों पर पढ़ाई

    राज्य में वर्तमान में विभाग के आदेश के अनुसार जिन निजी मेडिकल कॉलेजों को इसके दायरे में रखा गया है उनमें केएमसी कटिहार, एमजीएमएमसी किशनगंज, एनएमसीएच सासाराम, लार्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहरसा, मधुबनी मेडिकल कॉलेज, नेता जी सुभाष मेडिकल कॉलेज बिहटा, श्रीनारायण मेडिकल इंस्टीट्यूट सहरसा, आरडीजेएम मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर और हिमायलय मेडिकल कॉलेज पालीगंज पटना शामिल हैं। इन आठ निजी मेडिकल कॉलेजों के अलावा एम्स पटना को मिलाकर 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं।

    2022 में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का था निर्देश

    राज्य सरकार ने प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी दरों पर एडमिशन का निर्णय राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के एक 2022 में जारी एक आदेश के बाद लिया था। राज्य मंत्रिमंडल ने 24 फरवरी 2023 को इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी।

    इसके बाद फीस निर्धारण के लिए निदेशक प्रमुख चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में बकायदा तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया था। परंतु मामला कोर्ट में जाने की वजह से यह निर्णय प्रभावी नहीं हो पाया था। जिसे अब प्रभावी बनाया जा रहा है।

    कमेटी की अनुशंसा पर फीस कुछ तरह रखी गई-

    फीस का प्रकार राशि (₹) आवृत्ति
    एडमिशन फीस 1000 एक बार
    ट्यूशन फीस 9000 वार्षिक
    हास्टल फीस 12000 वार्षिक
    कॉशन मनी 10000 एक बार
    इलेक्ट्रिसिटी चार्ज 1200 वार्षिक
    मैग्जीन सोसायटी 500 प्रत्येक वर्ष
    कॉलेज एक्टिविटी 2000 एक बार
    स्टूडेंट वेलफेयर फंड 5000 एक बार
    स्टूडेंट यूनियन फंड 100 एक बार