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    Bihar Election 2025: पशुपति पारस कितनी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव? खुद कर दिया एलान; चिराग की बढ़ाएंगे टेंशन

    राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या को लेकर घोषणा कर दी है। उन्होंने पार्टी के जिलाध्यक्षों और राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि पार्टी हर बूथ पर संगठन खड़ा करेगी और बीएलओ नियुक्त करेगी। अप्रैल तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन किया जाएगा। पारस की घोषणा से चिराग पासवान की टेंशन बढ़ सकती है।

    By Dina Nath Sahani Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 12 Feb 2025 01:09 PM (IST)
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    चिराग पासवान और पशुपति पारस (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने मंगलवार को जिलाध्यक्षों एवं राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी हर बूथ पर संगठन खड़ा करेगी और बीएलओ नियुक्त करेगी।

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    इसके लिए उन्होंने सभी जिलाध्यक्षों तथा पदाधिकारियों को चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया। पारस ने कहा कि अप्रैल तक पार्टी की ओर से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन किया जाएगा।

    बैठक में प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि पार्टी के राज्य पदाधिकारी एवं जिलाध्यक्ष अपने आवास पर पार्टी का झंडा और नेमप्लेट लगाएं। बैठक को विधान पार्षद भूषण कुमार, प्रधान महासचिव केशव सिंह, अनिल चौधरी और विरेश्वर सिंह ने संबोधित किया।

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    बिहार की योजनाओं और जरूरतों के लिए केंद्रीय बजट में जो आवंटन किया गया है वह नाकाफी है। यह केवल आंकड़ों के हेरफेर से चुनावी लाभ के लिए वाहवाही लूटने जैसा है। यह आरोप प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष राजेश राठौड़ और रिसर्च विभाग के अध्यक्ष आनंद माधव ने मंगलवार को सदाकत आश्रम में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में लगाए।

    आनंद माधव और राठौड़ ने कहा कि बजट के अध्ययन से पता चलता है कि 2015 से ही प्रधानमंत्री मोदी घोषणाओं से जनता को ठग रहे हैं। पिछले बजट में जहां 58,900 करोड़ रुपए आवंटन की घोषणा हुई थी जो आज तक नहीं मिला।

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    इस बजट में 59,900 करोड़ रुपए ही दिए गए हैं। 100 करोड़ की मामूली वृद्धि से बिहार में फिर से वोट बटोरने का भाजपाई स्टंट शुरू हो गया है। जबकि केंद्रीय बजट में बिहार की टैक्स हिस्सेदारी भी कम रही। केंद्र सरकार मखाना बोर्ड के गठन से वाहवाही ले रही है जबकि केला और लीची बोर्ड के गठन पर वह मौन है।

    बजट में ही रेलवे बजट को भी समायोजित कर लिया गया है जिसके कारण 12 रेल परियोजनाओं का काम या तो शुरू नहीं हुआ या अधूरा पड़ा है। नीतीश सरकार की उदासीनता के कारण हर साल केंद्रीय बजट के हजारों करोड़ वापस लौट रहे हैं।

    बिहार में किसानों के लिए उचित बाजार तक नहीं। बिहटा, सोनपुर, रक्सौल एयरपोर्ट निर्माण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। देश भर में मीडिया में हल्ला मचा है कि ये बजट बिहार केंद्रित है जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है। प्रेस कांफ्रेंस में डा स्नेहाशीष वर्धन पांडेय, सौरभ सिंहा, लालबाबू लाल सहित अन्य नेता उपस्थित रहे।

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