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    BSSC SCAM: परमेश्वर ने लिये थे कई 'बड़े लोगों' के नाम, नहीं हुई है पूछताछ

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sun, 02 Apr 2017 10:58 PM (IST)

    बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में एसआइटी के समक्ष पूछताछ के दौरान परमेश्वर राम ने कई बड़े लोगों के नाम लिये थे। लेकिन आज तक उनसे पूछताछ नहीं की गई है।

    BSSC SCAM: परमेश्वर ने लिये थे कई 'बड़े लोगों' के नाम, नहीं हुई है पूछताछ

    पटना [जेएनएन]। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएएससी) की इंटरस्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही एसआइटी निगरानी की विशेष अदालत में अब चार्जशीट दायर करने की तैयारी में है। जबकि इस राज्य के लाखों बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले इस घोटाले की जांच से संबंधित कई सवाल अभी भी अधूरे हैं।

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    आयोग के निलंबित सचिव परमेश्वर राम का वह बयान अहम हो जाता है जब जेल जाने से पहले उसने कहा था कि 'मैं तो इस घोटाले का महज एक मोहरा हूं। प्रश्नपत्र लीक मामले में कई बड़े लोग शामिल हैं।'

    हालांकि इस घोटाले में शामिल वरिष्ठ आइएएस व आयोग के निलंबित अध्यक्ष सुधीर कुमार, बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व निलंबित सचिव परमेश्वर राम और दिल्ली में बैठकर घोटाले को अंजाम देने वाले इवैल्यूएटर अनंतप्रीत सिंह बरार उर्फ आनंद बरार से एसआइटी की की पूछताछ पूरी हो चुकी है।

    सूत्र बताते हैं कि इन तीनों के बयान एसआइटी की चार्जशीट के काफी अहम साबित होंगे। लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आयोग के सचिव परमेश्वर राम के मोबाइल फोन पर जिन 'बड़े लोगो' ने एसएमएस करके अपने-अपने कैंडिडेट की पैरवी की थी, वह फोरेंसिक जांच में सत्यापित हो चुका है।

    लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इन 'बड़े लोगों' को एसआइटी ने अभियुक्त बनाना तो दूर उनसे पूछताछ करना भी मुनासिब नहीं समझा है। जगजाहिर है कि परमेश्वर राम से पैरवी करने वालों में न केवल राज्य के मंत्री बल्कि विधायक और कई आइएएस व बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी शामिल हैं। एसआइटी प्रमुख व पटना के एसएसपी मनु महाराज ने संकेत दिए हैं कि आनंद बरार को एक बार फिर रिमांड पर लेकर इस संबंध में पूछताछ की जा सकती है।

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    इस एसआइटी जांच का एक महत्वपूर्ण पक्ष आयोग के फरार चल रहे ओएसडी व वरिष्ठ आइएएस अधिकारी सीके अनिल का भी है। पिछले दो महीने से भी अधिक समय से सीके अनिल फरार चल रहे हैं।

    सूत्र बताते हैं कि एसआइटी सीके अनिल को ढूंढने में लकीर पीटने की भूमिका में है। अबतक सीके अनिल पर ऐसा कोई दबाव नहीं बनाया जा सका है, जिससे कि वे जांच में सामने आ सकें। यहां तक कि एसआइटी ने उनकी गिरफ्तारी के लिए निगरानी की विशेष अदालत से वारंट जारी करने का आग्रह तक नहीं किया है।

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