Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस स्थल को गांधी ने कहा था तीर्थ, यहां रोज पूजे जाते राष्ट्रपिता

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Mon, 03 Apr 2017 11:53 PM (IST)

    राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की दरभंगा के ललित नारायण मिश्र मिथिला विवि के गांधी सदन में पूजा की जाती है। यह वही दरभंगा है, जिसे गांधी ने तीर्थस्‍थल कहा था।

    इस स्थल को गांधी ने कहा था तीर्थ, यहां रोज पूजे जाते राष्ट्रपिता

    दरभंगा [जेएनएन]। राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद्र गांधी की नजर में दरभंगा एक तीर्थ स्थल है। उन्होंने खादी के प्रचार-प्रसार के लिए दरभंगा आने पर अपना यह उद्गार व्यक्त किया था। 11 जनवरी 1927 को दूसरी बार बिहार दौरा के क्रम में बापू ने यह बात कही थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरभंगा के ललित नारायण मिश्र मिथिला यूनिवर्सिटी में आज भी बापू का जीवंत स्वरूप बना हुआ है। यहां महाराजा कामेश्वर सिंह के समय में अंग्रेजों के ठहरने के लिए यूरोपियन गेस्ट हाउस बना था। दरभंगा आने पर बापू उसी में रुके थे। विवि प्रशासन ने अब इसका नाम बदल कर गांधी सदन कर दिया है। यहां पर नित्य राष्‍ट्रपिता पूजे जाते हैं। दरभंगा को तीर्थ स्थल कहने वाले गांधी को यहां भगवान का दर्जा मिला हुआ है।
    चार बार आए थे दरभंगा

    महात्मा गांधी वर्ष 1919, 1927, 1934 व 1947 में दरभंगा आए थे। इसी दौरान वे मिथिलांचल की विशेषताओं से रू-ब-रू हुए।
    संग्रहालय बना गांणी सदन

    दो अक्टूबर 2012 को विवि प्रशासन ने गांधी सदन को संग्रहालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। इसके बाद दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को इसका प्रभार सौंपा गया। कुछ स्थानीय स्तर तथा कुछ महात्मा गांधी से जुड़ीं अन्य संस्थाओं की मदद से सैकड़ों दुर्लभ चित्र व गांधी दर्शन से जुड़े दस्तावेजों को एकत्रित किया गया। इस काम में तत्कालीन निदेशक डॉ. एससी मिश्रा व पुस्तकालयाध्यक्ष संतोष कुमार झा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
    विकास की योजना तैयार

    नई पीढ़ी को महात्मा गांधी व उनकी कार्यशैली के बारे में अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए विवि प्रशासन ने गांधी दर्शन पर आधारित संग्रहालय को विकसित करने की योजना तैयार की है। लघु संग्रहालय में मिथिला व राज परिवार से जुड़े कई बहुमूल्य दस्तावेज हैं। खासकर महात्मा गांधी की ओर से दरभंगा महाराज को लिखे गए पत्र। इनमें खादी के प्रचार-प्रसार व स्वतंत्रता आंदोलन की चर्चा है।

    सेमिनार का आयोजन

    सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में ललित नारायण मिश्र मिथिला विवि के दर्शनशास्त्र विभाग में 'गांधी दर्शन में सर्वधर्म समभाव' विषय पर सेमिनार का आयोजित किया गया था। इसमें वक्ताओं ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी दर्शन की प्रासंगिकता पर चर्चा की थी।