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Pappu Yadav: 'पप्पू जी ये सब यहां नहीं चलेगा...', कांग्रेस में शामिल होते ही बाहुबली को लगी फटकार; वजह आई सामने

Bihar Politics पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है। अब पप्पू यादव पूरी तरह से कांग्रेसी हो गए हैं। बता दें कि पप्पू यादव की पत्नी भी कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं। पप्पू यादव को बिहार में बाहुबली नेताओं में से एक माना जाता है। उनके ऊपर कई मुकदमे भी चल रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Sanjeev Kumar Published: Thu, 21 Mar 2024 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2024 10:10 AM (IST)
कांग्रेस में शामिल होते ही पप्पू यादव को लगी फटकार (जागरण)

डिजिटल डेस्क, पटना/ दिल्ली। Bihar Political News Today: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले सियासी घटनाक्रम तेजी से बदले रहा है। नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला भी जारी है। इसी क्रम में बुधवार को पप्पू यादव (Pappu Yadav) की जन अधिकारी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया। इसके लिए दिल्ली में प्रेस वार्ता भी आयोजित की गई थी।

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पप्पू यादव को पहले ससम्मान पार्टी में शामिल कराया गया। लेकिन इसी दौरान एक ऐसा वाकया हुआ कि कांग्रेस नेताओं को पप्पू यादव को फटकार लगानी पड़ी।

जानिए क्या है मामला?

दरअसल, पप्पू यादव (Pappu Yadav) के कुछ समर्थक अचानक "पप्पू यादव ज़िंदाबाद के नारे लगाने लगे जिसपर कांग्रेस के सीनियर नेता मोहन प्रकाश उन्हें टोकते हुए बोलते हैं "पप्पू जी ये सब यहां नहीं चलेगा'' जिसके जवाब में पप्पू यादव कहते हैं कि ये सब कांग्रेस के ही हैं, चिंता मत कीजिए।

साल 2015 में की थी जनअधिकार पार्टी की स्थापना

बता दें कि साल 2015 में पप्पू यादव ने जन अधिकार पार्टी (जाप) की स्थापना की थी और उसके बाद के लोकसभा व विधानसभा का चुनाव भी लड़े। लेकिन अपनी बनाई पार्टी से इन क्षेत्रों में से उन्हें कहीं भी सफलता नहीं मिली। यही कारण है कि उनकी जिस पार्टी का कांग्रेस में विलय हुआ है, उसके विधायक-सांसद तो दूर, उससे सीधे जुड़े मुखिया-सरपंच तक नहीं है। हालांकि, पप्पू यादव के साथ समर्थकों का एक हुजूम जरूर होता है।

ये है पप्पू यादव का चुनावी सफर

  • पप्पू यादव लोकसभा के छह चुनाव लड़ चुके हैं, पांच बार रहे विजयी, एक बार विधायक भी रहे
  • 2014 में राजद प्रत्याशी के रूप में मधेपुरा में शरद यादव को पराजित करना पप्पू यादव की बड़ी उपलब्धि
  • 2015 में उनकी पार्टी 40 विधानसभा क्षेत्रों में लड़कर हर जगह हारी, दो प्रतिशत वोट मिले
  • 2019 में मधेपुरा में 97631 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे, जदयू से हार गए थे शरद यादव

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