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    'राजनीतिक दल के कार्यालय जैसी...', एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष को मिला अब इस पार्टी का साथ

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 06:55 PM (IST)

    बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची से 65 लाख नाम काटने का आरोप लगाया है इसे लोकतंत्र का अपमान बताया है। बसपा नेता अनिल कुमार ने एसआ ...और पढ़ें

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बहुजन समाज पार्टी ने एसआईआर के मुद्दे पर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

    बसपा के केंद्रीय प्रभारी अनिल कुमार ने कहा है कि बिहार में मतदाता सूची से 65 लाख वोटरों के नाम काट देना लोकतंत्र और संविधान के साथ सीधा मजाक है।

    चुनाव आयोग अब एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था नहीं रह गई है, बल्कि उसकी कार्यशैली अब किसी राजनीतिक दल के कार्यालय जैसी हो गई है। वे रविवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे।

    अनिल कुमार ने कहा कि कुछ ही दिन पहले जिस वोटर लिस्ट के आधार पर लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ। उसी सूची से आज 65 लाख नाम हटा देना कितना उचित है आयोग को इस पर विचार करना चाहिए।

    उन्होंने कहा आयोग के इस निर्णय से बिहार के 40 सांसदों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं। अनिल कुमार ने कहा कि एसआईआर की गहन समीक्षा की जरूरत है।

    अगर इसी त्रुटिपूर्ण लिस्ट पर आगे बिहार विधानसभा चुनाव कराए गए, तो यह चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता के साथ सीधी बेईमानी होगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरेश राव, संजय मंडल, जिग्नेश्वर जिज्ञाशु उपस्थित रहे।

    मूल प्रश्नों से ध्यान भटकाने के लिए तेजस्वी को भेजा गया पत्र : राजद

    वहीं, दूसरी ओर राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन का कहना है कि महागठबंधन द्वारा निर्वाचन आयोग से कई प्रश्न पूछे गए थे, उससे ध्यान भटकाने के लिए तेजस्वी यादव को अनुमंडल पदाधिकारी (पटना सदर) द्वारा पत्र भेजकर साक्ष्य मांगा जा रहा।

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    मतदाता-सूची के प्रारूप में बड़े पैमाने पर अनियमितता है। जिस पृष्ठ पर तेजस्वी का नाम है, उसी पर अनेकों अनियमितता पाई गई हैं। तेजस्वी जिस मकान में रहते हैं, उसी में मंटू कुमार भी रहते हैं। इसी प्रकार मकान संख्या 107 में विभिन्न उपनामों वाले मतदाताओं के नाम हैं।

    चुनाव आयोग को इन विसंगतियों का कारण स्पष्ट करना चाहिए। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद का आरोप है कि हड़बड़ी में विशेष गहन पुनरीक्षण वस्तुत: गड़बड़ी के लिए ही किया गया।

    मतदाता-सूची में तेजस्वी का नाम किसी अन्य बूथ पर है, जबकि परिवार के शेष लोगों का दूसरे बूथ पर। ऐसा तब जबकि सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा देकर निर्वाचन आयोग कह चुका है कि एसआईआर में परिवार के सभी सदस्यों को एक ही बूथ पर लाने की पहल होगी।

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