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    पटना और वैशाली में स्क्रैप हो रहे पुराने वाहन, नए वाहन पर मिल रही छूट; एक क्लिक में जानिए डिटेल

    Updated: Thu, 15 May 2025 06:41 PM (IST)

    बिहार में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का काम शुरू हो गया है। पटना और वैशाली में दो स्क्रैपिंग सेंटर हैं। जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच 1557 आवेदन आए हैं। सरकार स्क्रैपिंग पर टैक्स में छूट दे रही है जिसमें निजी वाहनों पर 25% और वाणिज्यिक वाहनों पर 15% छूट है। यह छूट 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है।

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    पटना और वैशाली में स्क्रैप हो रहे पुराने वाहन, नए वाहन पर मिल रही छूट

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में 15 साल से अधिक पुराने और खटारा वाहनों को स्क्रैप करने का काम शुरू हो गया है। फिलहाल, पटना में निलियम स्क्रैपिंग सेंटर और वैशाली स्थित एसके इंटरप्राइजेज में वाहन स्क्रैपिंग केंद्र हैं।

    परिवहन विभाग के अनुसार, जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच वाहन स्क्रैप के एक हजार 557 आवेदन आए है। इनमें 747 वाहन सेना, 308 वाहन सरकारी और 522 वाहन निजी हैं।

    राज्य सरकार पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग करने पर कई तरह के टैक्स में छूट भी दे रही है। इसमें वाहन मालिकों को जमा का प्रमाण पत्र (सीओडी) के आधार पर नए वाहनों के पंजीकरण कराने पर टैक्स में छूट दी जा रही है।

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    निजी वाहनों की स्क्रैपिंग पर टैक्स में 25 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों की स्क्रैपिंग पर 15 प्रतिशत छूट दी जा रही है।

    इसके साथ ही वाहन मालिकों को पहले से लंबित सभी तरह के बकाये में एकमुश्त छूट देने का भी प्रविधान है। यह छूट 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है।

    परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि प्रदेश में बीते एक वर्ष में गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए काफी काम हो रहा है। पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को कोई नुकसान ना उठाना पड़े, इसलिए उन्हें कई तरह की सहूलियत दी जा रही है।

    स्क्रैपिंग के लिए ई-आवेदन:

    सरकारी गाड़ियों की स्क्रैपिंग के लिए ई-नीलामी मेटल स्क्रैप ट्रेड कार्पोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) https://www.mstcindia.co.in/index.aspx या सरकारी ई-बाजार (जेम) https://gem.gov.in/ पोर्टल पर की जाती है।

    इसमें देशभर से कोई भी रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन और स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) सेंटर भाग ले सकता है और गाड़ियों को खरीद कर स्क्रैप कर सकता है। वहीं, निजी वाहनों की स्क्रैपिंग लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) पोर्टल पर आवेदन करना होगा।

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