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    Nitish Kumar: फ्लोर टेस्ट से पहले पीएम मोदी से मिलेंगे नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे ये मांग

    Updated: Mon, 05 Feb 2024 08:05 PM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी के अलावा अमित शाह से भी उनकी मीटिंग होगी। बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले इस मुलाकात की खूब चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार इस मुलाकात के दौरान बिहार से जुड़ी कुछ जरूरी मांगों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे।

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    फ्लोर टेस्ट से पहले पीएम मोदी से मिलेंगे नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे ये मांग

    राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को नई दिल्ली जाएंगे। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा कुछ और केंद्रीय मंत्रियों से उनकी मुलाकात होगी। राजग के साथ मिलकर सरकार गठन के बाद मुख्यमंत्री पहली बार दिल्ली जा रहे हैं। वह आठ फरवरी को पटना लौट आएंगे।

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    12 फरवरी को बिहार विधानसभा में सरकार के विश्वास मत के प्रस्ताव से पहले मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बीच की मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी को टेलीफोन पर नीतीश कुमार को बधाई दी थी। उसी दिन नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ था।

    नीतीश कुमार रखेंगे पीएम मोदी के सामने ये मांग

    वैसे तो जदयू के सूत्र यात्रा को औपचारिक बता रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश कुमार इस मुलाकात के दौरान बिहार से जुड़ी कुछ जरूरी मांगों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे। जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए मुख्यमंत्री ने मोदी की प्रशंसा की थी। उस दिन यह भी कहा था कि केंद्र अगर राज्य की कुछ और मांगें मान लें तो अच्छा होगा।

    ललन सिंह ने भी की मोदी से मुलाकात

    प्रेक्षकों ने उनके संकेत को राज्य का विशेष दर्जा या विशेष पैकेज की मांग से जोड़ा। इससे पूर्व जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने तीन दिन पहले प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया था।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। जाति आधारित गणना के बाद 94 हजार गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपया देने की राज्य सरकार की योजना के लिए राज्य के सामने धन की नई जरूरत आ पड़ी है। पांच साल में इस योजना पर ढाई लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह राज्य सरकार के खजाने के लिए नया भार है।

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