Bihar Politics: कांग्रेस को सता रहा हॉर्स ट्रेडिंग का डर! हैदराबाद के फाइव स्टार रिजॉर्ट में रुके हैं 15 MLA
15 विधायकों सहित बिहार कांग्रेस के 22 नेता हैदराबाद से 36 किलोमीटर दूर इब्राहिमपट्टनम के रिजॉर्ट में ठहराए गए हैं। वहां सुरक्षा की व्यवस्था ऐसी चौकस है कि बाहरी तो क्या दाएं-बाएं करने वाले अपने लोग भी एक-दूसरे के पास नहीं फटक सकते। रिजॉर्ट में कांग्रेस नेताओं के लिए 24 कमरे बुक कराए गए हैं। वहां ऐश-ओ-आराम और खाने-पीने की व्यवस्था फाइव स्टार होटल की तरह है।
राज्य ब्यूरो, पटना। दिल्ली की बैठक से बिहार के जितने विधायक और विधान पार्षद हैदराबाद के लिए निकले, उतने पहुंचे नहीं। पारिवारिक व क्षेत्रीय व्यस्तता का हवाला देते हुए लगभग आधा दर्जन नेता दिल्ली से ही बिहार के अपने ठिकानों की ओर निकल गए। हालांकि, उनमें एक-दो विधान पार्षद भी हैं। अभी 15 विधायकों सहित बिहार कांग्रेस के 22 नेता हैदराबाद से 36 किलोमीटर दूर इब्राहिमपट्टनम के रिजॉर्ट में ठहराए गए हैं।
वहां सुरक्षा की व्यवस्था ऐसी चौकस है कि बाहरी तो क्या दाएं-बाएं करने वाले अपने लोग भी एक-दूसरे के पास नहीं फटक सकते। विश्वास मत के दिन 12 जनवरी को सभी विधायक एक साथ विधानसभा पहुंचाए जाएंगे। झारखंड के विधायक जिन दो रिजॉर्ट में ठहराए गए थे, उनमें से एक यह भी है। इस रिजॉर्ट में कांग्रेस नेताओं के लिए 24 कमरे बुक कराए गए हैं। वहां ऐश-ओ-आराम और खाने-पीने की व्यवस्था फाइव स्टार होटल की तरह है।
रिजॉर्ट में ऐश-ओ-आराम है, स्वतंत्रता नहीं
मध्यस्थ की उपस्थिति में विधायकों के बीच संवाद तो हो रहा, लेकिन स्वतंत्रता पर अघोषित नियंत्रण जैसे है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एसए संपथ कुमार और तेलंगाना के विधायक मलारेड्डी रंगारेड्डी को वहां व्यवस्था और निगरानी का दायित्व मिला है। वे दोनों आलाकमान को भी प्रतिदिन की गतिविधि की रिपोर्ट दे रहे। इस बीच हैदराबाद नहीं पहुंचने वाले विधायकों को भी 10 जनवरी तक हर हाल में रिजॉर्ट पहुंचने का निर्देश है।
झारखंड के विधायकों हेतु इस रिजॉर्ट के कमरे पहले से ही 10 फरवरी तक के लिए बुक थे। ऐसे में निर्णय हुआ कि बिहार के विधायकों को शिमला या बेंगलुरु के बजाय वहीं शिफ्ट किया जाए और बुकिंग की अवधि एक-दो दिन के लिए बढ़ा दी जाए। रिजॉर्ट का मालिक तेलंगाना कांग्रेस का विश्वस्त व्यक्ति है और सेवा-टहल से झारखंड के विधायक संतुष्ट रहे हैं। अब बिहार की बारी है।
रिजॉर्ट में निगरानी
रिजॉर्ट के प्रथम तल पर खाने-पीने की व्यवस्था है। वहां तक एकमात्र लिफ्ट से पहुंचा जा सकता है। विधायकों-विधान पार्षदों के अलावा उसे मात्र वही व्यक्ति उपयोग कर सकता है, जिसे निगरानी रखने वाले उपरोक्त दोनों नेताओं (संपथ और रेड्डी) की अनुमति हो। सुरक्षा की दोहरी व्यवस्था लिफ्ट के प्रवेश व निकास द्वार पर भी है। कमरों तक अवांछित व्यक्ति फटक भी नहीं सकता। सादे लिबास में पुलिस का पहरा आठों पहर का है। रिजॉर्ट तक आने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी गई है ओर वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। इन सबके बावजूद विधायकों से उनके मोबाइल फोन नहीं लिए गए हैं। हालांकि, उस क्षेत्र में जैमर लगा दिया गया है।
नहीं पहुंचे विधायक
बिहार में कांग्रेस के कुल 19 विधायक हैं। कटिहार जिला में अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट मनिहारी के विधायक मनोहर प्रसाद सिंह, अररिया सदर के विधायक आबिदुर्रहमान और पटना जिला में बिक्रम के विधायक सिद्धार्थ सौरव हैदराबाद नहीं पहुंचे हैं। आलाकमान से अनुमति लेकर विधायक विजय शंकर दूबे भी सिवान जिला में अपने घर लौट गए हैं। इन सभी विधायकों का कहना है कि वे पारिवारिक व क्षेत्रीय आवश्यकता के कारण हैदराबाद में नहीं हैं, लेकिन पार्टी के हर निर्णय के साथ हैं।दूबे तो सभी विधायकों को एकजुट बता रहे और सिद्धार्थ का कहना है कि उनका मन साफ है। किसी भी तरह की आशंका व्यर्थ है।
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