Bihar Politics: 'अब कहीं नहीं जा रहे...', क्यों बार-बार ऐसा कह रहे CM नीतीश; यहां समझें पूरी INSIDE STORY
नीतीश कुमार ने महागठबंधन में शामिल होने के न्योते पर जोरदार जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में यह बात दोहराई। उन्होंने कहा कि गलती से चले गए थे अब नहीं जाएंगे। राजद नेताओं ने नीतीश कुमार के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह डरे हुए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार यह कह रहे कि वह अब कहीं नहीं जा रहे। साथ में भाजपा नेता व उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी साथ थे। शनिवार को गोपालगंज के बाद रविवार को मुजफ्फरपुर में उन्होंने यह बात बड़े मजबूत अंदाज में दोहरायी।
शनिवार को गोपालगंज में जब उन्होंने यह बात की तो उसका महत्व इस वजह से था कि दो दिन पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने यह कहा था कि महागठबंधन में नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला हुआ है।
इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चा आरंभ हो गयी थी। मुख्यमंत्री ने जिस समीक्षा बैठक में यह बात कही उसमें भाजपा के जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। दरअसल लालू प्रसाद के वक्तव्य के बाद यह भ्रम हो गया था कि नीतीश कहीं फिर से भाजपा को न छोड़ दें।
राजद के इस दांव को भोथरा करने के लिए नीतीश अब लगातार यह बात कह रहे कि वह कहीं नहीं जा रहे। गलती से चले गए थे अब नहीं जाएंगे। राजद नेताओं ने इसके बाद यह कहना शुरु कर दिया है कि नीतीश डरे हुए हैं।
इस बात को लेकर हमलावर हैं नीतीश
- नीतीश अपनी प्रगति यात्रा में अब राजद के 15 वर्षों के कार्यकाल में जो स्थिति थी उस पर हमलावर हैं। वह कह रहे कि वर्ष 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी।
- शाम के बाद लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था। सड़कें जर्जर थीं।
- प्राय: हिन्दू-मुस्लिम के बीच झगड़े की बात सामने आती थीं। जबसे हमलोगों को काम करने का मौका मिला तब से बिहार की स्थिति बदली है।
- नीतीश अल्पसंख्यकों के लिए काम पर भी बोल रहे। इसे उनकी यूएसपी माना जाता है। गोपालगंज की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक आठ हजार कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी है।
- शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी भी जल्द करा दी जाएगी। मंदिरों में मूर्ति चोरी की घटनाएं बढ़ने को ध्यान में रख मंदिरों की चहारदीवारी कराने का निर्णय लिया गया।
महिलाओं के उत्थान की बात का ब्योरा दिया
मुख्यमंत्री ने अपने पसंद के विषय महिलाओं के उत्थान पर भी समीक्षा बैठक में बात की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2016 में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। बिहार में अब महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10.61 लाख हो गयी है।
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