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    नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों को दी खुशखबरी, सक्षमता परीक्षा के लिए 5 मौके; वेतन में भी होगा बदलाव

    बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। अब उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए 5 मौके मिलेंगे। पहले सिर्फ 3 मौके मिलते थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। नियोजित शिक्षकों को नया वेतनमान भी जल्द मिलेगा। बैठक में कुल 43 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

    By Sunil Raj Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 19 Dec 2024 07:53 PM (IST)
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    नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के तीन की जगह पांच मौके, वेतन भी जल्द (फाइल फोटो PTI)

    राज्य ब्यूरो, पटना: नीतीश सरकार ने विधानमंडल में की गई अपनी घोषणा के अनुरूप नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए पांच मौके देने का निर्णय लिया है। अब तक उन्हें तीन मौके ही सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए मिल रहे थे। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक (संशोधन) नियमावली 2024 को स्वीकृति दी गई। आज की बैठक में कुल 43 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

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    जो टीचर जहां कार्यरत वहीं दे सकेंगे योगदान

    मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक (संशोधन) नियमावली 2024 में किए प्रविधान किए गए हैं।

    सरकार ने जहां शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करने के लिए पांच मौके देने की स्वीकृति दी है वहीं यह प्रविधान भी नियमावली में किए हैं कि जो टीचर बतौर नियोजित टीचर जिस स्कूल में कार्यरत थे वहीं अपना योगदान दे सकेंगे।

    अधिसूचना के बाद मिल सकेगा नया वेतन

    • सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों की औपबंधिक नियुक्ति हो रही है, क्योंकि सरकार ने अभी सिर्फ उनके प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं। प्रमाण पत्रों की जांच के बाद सेवा स्थायी हो सकेगी।
    • वेतन को लेकर भी सरकार ने निर्णय लिया है कि इसकी अधिसूचना अलग से जारी की जाएगी। इसके बाद नियोजित से सरकारी शिक्षक बने शिक्षकों को नया वेतनमान मिल सकेगा।

    गैर-सरकारी कार्य किया तो कार्रवाई भी होगी

    डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि नियमावली में यह प्रविधान भी किए गए हैं कि यदि शिक्षक गैर सरकारी कार्य करते हैं। स्कूल में उपस्थिति दर्ज करा कर गायब हो जात हैें या फिर स्थानीय राजनीति करते हैं तो वैसी स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। किसी स्थानीय व्यक्ति ने शिक्षक के काम न करने की शिकायत दर्ज कराई तो भी वे कार्रवाई के दायरे में आएंगे। इसके पूर्व उन्हें नोटिस दी जाएगी। जिलाधिकारी शिकायत मिलने पर उनका तबादला पास के स्कूल में कर सकेंगे।

    जिलाधिकारी की अनुशंसा पर जिला के बाहर भी तबादला

    यदि जिलाधिकारी शिक्षक का व्यवहार सरकारी कार्यों के अनुकूल नहीं पाते हैं तो वे संबंधित शिक्षक का जिला बदलने के लिए शिक्षा निदेशक को अनुशंसा कर सकते हैं। इसके बाद निदेशक उनका जिला तबादला भी कर सकते हैं। डा. सिद्धार्थ ने कहा इन पर अन्य राज्य कर्मियों की तरह कार्रवाई की जा सकेगी।

    शिक्षक शिकायत के खिलाफ कर सकेंगे अपील

    शिक्षक कार्रवाई के खिलाफ अपील में भी जा सकते हैं। यदि उन्हें लगता है कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे बेबुनियाद हैं और उनमें सत्यता नहीं। तो डीएम के आदेश के खिलाफ निदेशक के पास अपील दे सकेंगे। यदि यहां से भी संतुष्ट नहीं होते हैं तो वैसी स्थिति में सचिव के पास अपील में जा सकेंगे। सचिव का निर्णय अंतिम निर्णय होगा।

    ढाई लाख से अधिक शिक्षक आएंगे नियमावली के दायरे में

    मंत्रिमंडल के अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश में नियोजित शिक्षकों की संख्या 339143 है। इनमें से अब तक 2,53,534 शिक्षक सक्षमता परीक्षा पास कर चुके हैं। इनके अलावा 80 हजार के करीब और शिक्षक हैं जो सक्षमता परीक्षा देंगे।

    शिक्षकों के स्थानांतरण की अलग से नीति बनाएगी सरकार

    विशिष्ट शिक्षकों का राज्य के अंतर्गत एक जिले से दूसरे जिले में तबादला हो सकेगा। जहां उन्हें स्थानांतरित किया गया है वहां उन्हें योगदान करना होगा। इसके लिए विभाग अलग से नीति बना रहा है। विशिष्ट शिक्षकों को सामान्य रूप से जिला के अंदर तबादला कर भेजने की कार्यवाही आरटीई मानकों के अनुरूप होगी।

    इसके अलावा, शिक्षक-छात्र अनुपात संतुलन को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक कार्यों के लिए बकायदा जिला स्थापना समिति होगी। जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे, लेकिन इसके पहले प्रथम चरण में विशिष्ट शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन मुख्यालय के स्तर पर होगा। इसके लिए भी सात सदस्यीय कमेटी होगी।

    जिसकी अध्यक्षता शिक्षा विभाग के सचिव करेंगे। अंतर जिला स्थानांतरण के फलस्वरूप शिक्षकों की वरीयता जिले में उनके नियुक्ति वर्ष से संबंधित विशिष्ट शिक्षक की विषयवार वरीयता निम्न वरीयता के रूप में निर्धारित की जाएगी।

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