कूड़े में मिली नवजात को कील ठोंका गया या कुत्ते ने नोचा? दिल दहलाने वाली घटना पर पुलिस ने दिया अलग-अलग बयान
Patna News पटना में एक नवजात शिशु को कूड़े के ढेर में फेंका गया था। उसे किसी जानवर ने बुरी तरह से घायल कर दिया था। बच्ची को अस्पताल ले जाया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग बयान दिए हैं।

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। पटना में बाइपास थाना अन्तर्गत मथनीतल के समीप शनिवार की दोपहर कड़ाके की ठंड में लोगों ने कूड़े के बीच एक नवजात को फेंका पाया।
उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि उसका पैर को किसी जानवर ने खाया है। शरीर का हर हिस्सा नोचा हुआ था। बच्ची के रोने की धीमी आवाज से इंसानियत का कलेजा फट उठा।
लहूलुहान मासूम को देखने वालों की आंखें डबडबा गईं। सभी उस मां, परिवार व समाज को कोस रहे थे, जिसके कारण नवजात को मरने के लिए कूड़े में फेंक दिया था।
अब तक नहीं पड़ी एंटी-रेबीज सूई
जख्मी नवजात को पुलिस लेकर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंची। यहां नवजात गहन चिकित्सा इकाई में बच्ची का इलाज किया जा रहा है।
अधीक्षक डॉ. प्रो. अलका सिंह ने बताया कि बच्ची की हालत गंभीर बनी है। ओपीडी बंद हो जाने के कारण बच्ची को एंटी रेबीज सूई नहीं दी जा सकी है। उसका पैर बुरी तरह से जख्मी है।
नवजात को अस्पताल लाने वाली पुलिस ने बताया कि नशेड़ियों ने बच्ची के पैर और सिर में लोहे की कील ठोंक कर जख्मी किया है।
पुलिस ने क्या कहा?
- इस मामले में थानाध्यक्ष राजेश कुमार झा ने बताया कि मथनीतल के समीप कूड़े में नवजात को जिंदा फेंके जाने और कुत्ते द्वारा पूरे शरीर को नोच डालने की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
- पुलिस ने नवजात को एनएमीएच में भर्ती कराया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि नवजात को किसने फेंका और जख्मी कैसे हुई, यह जांच का विषय है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
एनएमसीएच में बना पार्किंग स्थल खाली
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सभागार परिसर में 24 दिसंबर को जिस दोपहिया वाहन पार्किंग स्थल का तत्कालीन अधीक्षक ने उद्घाटन किया था वो आज तक चालू नहीं हो सका है।
पूर्व की तरह ही अस्पताल कर्मी से लेकर स्वजन तक इमरजेंसी और वार्ड के समीप वाहन खड़े कर मरीजों का रास्ता रोक रहे हैं। एंबुलेंस से आने वाले मरीजों को इमरजेंसी तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। वाहनों के अवैध पड़ाव से अस्पताल का हर मार्ग अतिक्रमित है। ओपीडी के समय समस्या गंभीर हो जाती है।
एनएमसीएच परिसर से दो पहिया वाहनों की लगातार हो रही चोरी को रोकने तथा परिसर को वाहनों के अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए पार्किंग स्थल विकसित किया गया।
लोहे की मोटी जंजीर से घेराबंदी कर बनाए गए पार्किंग स्थल पर निजी सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गयी थी। टोकन देकर यहां बिना किसी शुल्क के वाहनों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गयी थी।
बोर्ड लगे पार्किंग स्थल पर एक भी सुरक्षा कर्मी के नहीं होने के कारण नयी व्यवस्था आरंभ होते ही दम तोड़ गयी। चोरी होने के भय से लोग यहां एक भी वाहन खड़े नहीं कर रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन की ढीली व्यवस्था के कारण अस्पताल परिसर सुबह से दोपहर तक वाहनों से पटा रहता है। मरीजों, स्वजनों, चिकित्सकों व कर्मियों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।
इस मामले में प्रभारी अधीक्षक प्रो. डॉ. अलका सिंहा ने कहा कि वाहन पार्किंग में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कर इसे क्रियान्वित किया जाएगा ताकि परिसर वाहनों के अतिक्रमण से मुक्त हो सके।
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