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    Bihar Jamin News: नीतीश सरकार ने लागू किए जमीन अधिग्रहण के नए नियम, सड़क के निर्माण में दिखेगा असर

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 02:40 PM (IST)

    बिहार में अब सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के नए नियम लागू हो गए हैं। पथ निर्माण विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अब वह जमीन की उपलब्धता के तय मानक के आधार पर ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया आरंभ करने की अनुमति देगा। इस नए नियम से सड़क निर्माण में होने वाली देरी और लागत वृद्धि को कम करने में मदद मिलेगी।

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    नीतीश सरकार ने लागू किए जमीन अधिग्रहण के नए नियम, सड़क के निर्माण में दिखेगा असर

    राज्य ब्यूरो, पटना। पथ निर्माण विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अब वह जमीन की उपलब्धता के तय मानक के आधार पर ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया आरंभ करने की अनुमति देगा। जमीन की व्यवस्था के बगैर सड़क निर्माण की अनुमति दे दिए जाने से संबंधित प्रोजेक्ट को अवधि विस्तार देने की नौबत आ जाती है।

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    अधिकतर मामलों में प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ जाती है। केंद्र के एनएचएआई तथा एमओआरटीएच के आधार पर पथ निर्माण विभाग ने यह नई व्यवस्था इसी माह से आरंभ की है।

    जमीन की व्यवस्था इस तरह हाेने पर मिलेगी अनुमति

    • पथ निर्माण विभाग द्वारा तय नए प्रविधान में यह कहा गया है कि जिन सड़क प्रोजेक्ट में भू अर्जन कुल स्वीकृत लंबाई के 20 प्रतिशत से ज्यादा हो उन योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति दो भागों में दी जाए।
    • पहला यह कि ऐसी सभी याेजनाओं में भू अर्जन की सन्निहित राशि की स्वीकृति जिला भू अर्जन पदाधिकारी के प्राक्कलन के आधार पर की जाए।
    • योजना के सिविल कार्य में उपयोग होने वाले सामग्रियों तथा यूटिलिटी शिफ्टिंग आदि को पार्ट-2 में अंकित किया जाए। पूरी योजना की तकनीकी स्वीकृति पार्ट-1 और पार्ट-2 को जोड़कर दिया जाए।
    • जिन योजनाओं में पार्ट-1 में भू अर्जन के तहत सन्निहित भूमि में 20 प्रतिशत से ज्यादा हो उन योजनाओं की निविदा तब तक आमंत्रित जब तक परियोजना की कुल सन्निहित भूमि की लंबाई का कम से कम 50 प्रतिशत भू अर्जन के साथ विभाग को दाखिल कब्जा विभाग को नहीं मिल जाए।
    • ऐसी परियोजनाओं के लिए कुल आवश्यक भूमि का 70 प्रतिशत बाधा रहित भूमि उपलब्ध होने पर ही कार्यादेश निर्गत हो सकेगा। इसमें यूटिलिटी शिफ्टिंग भी शामिल रहे।

    एनएचएआई और एमओआरटीएच के प्रविधान

    एनएचएआई और एमओआरटीएच की योजनाओं मे यह प्रविधान है कि भू अधिग्रहण के मामलों में फारेस्ट क्लियरेंस के साथ निर्माण के पूर्व की गतिविधि को भी शामिल किया जाता है। ईपीसी मोड में होने वाले निर्माण के 90 प्रतिशत बाधा रहित की उपलब्धता जरूरी है।

    तिरहुत मुख्य नहर के दाएं सेवा-पथ पर बनाई जा रही सड़क

    जल संसाधन विभाग द्वारा तिरहुत मुख्य नहर के दाएं तट पर सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है। मुख्य अभियंता, सिंचाई सृजन, मोतिहारी परिक्षेत्राधीन तिरहुत नहर अंचल, मुजफ्फरपुर में यह काम कराया जा रहा है।

    इस कार्य के पूर्ण होने पर पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर जिले में नहर से सिंचाई के निरीक्षण एवं प्रबंधन में सुविधा होगी। साथ ही, यह योजना क्षेत्रीय ग्रामीण सड़कों को जोड़ते हुए कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।

    इस सेवा पथ के माध्यम से क्षेत्र के ग्रामीणों को आवागमन का एक वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। किसानों को अपने कृषि उत्पादों को खेत-खलिहान से बाजार तक पहुंचाने में सुविधा होगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। जल संसाधन विभाग राज्य में बेहतर जल प्रबंधन और सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।

    यह योजना न केवल सिंचाई सुविधा को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे स्थानीय निवासियों और किसानों को व्यापक लाभ होगा।

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