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    Bihar Land News: जमीन अधिग्रहण को लेकर नीतीश सरकार का नया फरमान, सभी DM के पास पहुंचा लेटर

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए होने वाली जन सुनवाई में संबंधित अधिकारियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया। भू अर्जन अधिनियम 2013 के तहत सरकार परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के समय सामाजिक प्रभाव का आकलन करेगी। इसके लिए जिला स्तर पर अधिकृत पदाधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है। राज्य के भू अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी लिखा है।

    By Rajat Mourya Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 28 Jan 2025 02:15 PM (IST)
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    जमीन अधिग्रहण को लेकर नीतीश सरकार का नया फरमान, सभी DM के पास पहुंचा लेटर

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए होने वाली जन सुनवाई में संबंधित अधिकारियों काे उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। भू अर्जन अधिनियम 2013 में यह प्रविधान है कि सरकार किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के समय सामाजिक प्रभाव का आकलन करेगी।

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    इसमें देखा जाएगा कि जमीन अधिग्रहण से समाज पर कोई नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ रहा है। इस क्रम में योजनाओं के कार्यान्वयन से होने वाले सकारात्मक सामाजिक प्रभाव का भी आकलन किया जाता है। यह जवाबदेही गैर-सरकारी एजेंसियों को दी गई है। इन एजेंसियों को तीसरा पक्ष माना जाता है।

    सभी जिला अधिकारियों को लिखा पत्र

    • राज्य के भू अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा है कि जन सुनवाई में संबंधित सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चत करें।
    • पत्र में कहा गया है कि अभी समय-सीमा के भीतर सामाजिक प्रभाव का आकलन नहीं हो रहा है। जिला स्तर पर अधिकृत पदाधिकारी का जन सुनवाई में उपस्थित रहना अनिवार्य रहता है।

    भू अर्जन निदेशक को मिली शिकायत

    शिकायत यही मिल रही है कि अधिकृत पदाधिकारी अनुपस्थित रहते हैं। आम तौर पर जिला भू अर्जन पदाधिकारी ही इसके लिए अधिकृत पदाधिकारी होते हैं। उनकी अनुपस्थित में दूसरे पदाधिकारियों को भी जिलाधिकारी इसके लिए अधिकृत कर सकते हैं।

    ये संस्थाएं कर रही आकलन

    एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान, एल एन मिश्रा आर्थिक अध्ययन एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, विकास प्रबंधन संस्थान एवं आद्री।

    हरेक परियोजना के शुरू होने के साथ उनके सामाजिक प्रभाव आकलन के लिए इन्हीं संस्थानों से प्रस्ताव मंगाए जाते हैं और जिनका प्रस्ताव न्यूनतम होता है, जिम्मेदारी दी जाती है।

    सुगम बनाने का प्रयास

    भू-अर्जन से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को सरल, सहज और आम लोगों के लिए सुगम बनाने की आवश्यकता है। 2013 के भू-अर्जन अधिनियम में सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन का विशेष महत्व है। शिविर में भू अर्जन अधिकारियों की उपस्थिति से लोगों की चिंताओं से अवगत होने में प्रशासन को मदद मिलेगी। - डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार

    राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में जागरूकता को लेकर शपथ समारोह

    राष्ट्रीय मतदाता दिवस को लेकर सोमवार को मुख्य सचिवालय स्थित राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में चकबंदी निदेशक राकेश कुमार के नेतृत्व में मतदाता जागरूकता को लेकर शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया। कुमार ने पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को मतदाता दिवस की शपथ दिलाई।

    उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी। भारत के निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश पर हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है, ताकि मतदाता जागरूक हो सकें। उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जा सके।

    यह दिन निर्वाचन आयोग की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में सभी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।

    कौन-कौन मौजूद रहा?

    इस दौरान विभाग के विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, विशेष सचिव महफूज आलम, संयुक्त सचिव अनिल कुमार पांडेय, विशेष कार्य पदाधिकारी अनुपम प्रकाश, आईटी मैनेजर आनंद शंकर समेत अन्य अधिकारी व सभी कर्मचारी उपस्थित थे।

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