Bihar News: नीतीश सरकार में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से बिहार में मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही सुधरी स्वास्थ्य सेवाएं
नीतीश सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। काफी संख्या में नये चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। राज्य के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना की जा रही है। पटना के आई0जी0आई0एम0एस0 में पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल खुल जाने से अब लोगों को अपनी आंखों के इलाज के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
डिजिटल डेस्क, पटना। नीतीश सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। काफी संख्या में नये चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। राज्य के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना की जा रही है। पटना के आई0जी0आई0एम0एस0 में पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल खुल जाने से अब लोगों को अपनी आंखों के इलाज के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे0पी0 नड्डा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से इस अस्पताल का उद्घाटन किया है। इसके साथ ही दरभंगा में एम्स के बन जाने से लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी।
पहले की सरकारों ने बिहार की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए थे। पहले बिहार में नाम मात्र के मेडिकल कॉलेज थे जिसके कारण मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के छात्रों को बाहर जाना पड़ता था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार का शुरू से उद्देश्य रहा है कि इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई के लिए बिहार के छात्र-छात्राओं को बाहर नहीं जाना पड़े। इसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। पहले राज्य में केवल 6 सरकारी बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शुरू से मानना रहा है कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उनके जिले में ही उपलब्ध हो। स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने में जुटी नीतीश सरकार नये मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर गंभीर है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, छपरा और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, झंझारपुर जल्द शुरू होने जा रहा है। इन दोनों मेडिकल कॉलेज के भवनों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। नये मेडिकल कॉलेजों के शुरू होने से संबंधित जिलों के मरीजों को राहत मिलेगी और लोगों को चिकित्सा के लिए पटना का मुंह नहीं देखना पड़ेगा।
पहले बिहार में केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। इसकी वजह से यहां के छात्र-छात्राओं को मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था। धीरे-धीरे नीतीश सरकार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 11 पहुंची और अब 9 नये सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शुरू हो जाने से राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 20 हो जाएगी।
नये प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में एम0बी0बी0एस0 की 100-100 सीटें बढ़ जाएंगी। अभी बिहार में 11 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एम0बी0बी0एस0 में 1490 नामांकन हो रहे हैं। राज्य में 8 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी संचालित हैं जहां पर एम0बी0बी0एस0 की 1150 सीटों पर विद्यार्थियों का दाखिला होता है। इसके अलावे पटना डेंटल कॉलेज में 40 और रहुई डेंटल कॉलेज, नालंदा में 100 सीटें हैं।
अभी पी0एम0सी0एच0 पटना में 200, एन0एम0सी0एच0 पटना में 150, एम्स पटना में 125, डी0एम0सी0एच0 दरभंगा में 120, जे0एल0एन0एम0सी0एच0 भागलपुर में 120, एस0के0एम0सी0एच0 मुजफ्फरपुर में 120, ए0एन0एम0एम0सी0एच0 गया में 120, आइ0जी0आइ0एम0एस0 पटना में 120, जी0एम0सी0 बेतिया में 120, विम्स पावापुरी में 120, मधेपुरा में 100, ई0एस0आई0सी0 मेडिकल कॉलेज बिहटा में 100 और जी0एम0सी0 पूर्णिया में 100 सीटों पर एम0बी0बी0एस0 कोर्स के लिए नामांकन होता है।
पटना के पी0एम0सी0एच0 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाया जा रहा है। यहां 5400 से अधिक बेड के अस्पताल बनाने की प्रक्रिया जारी है। एन0एम0सी0एच0 पटना एवं डी0एम0सी0एच0 दरभंगा में भी बेडों की संख्या बढ़ाकर 2500 की जा रही है। ये सभी मेडिकल कॉलेज 'बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज' द्वारा शासित होंगे। नये मेडिकल कॉलेजों में मरीजों के इलाज के लिए हर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इमरजेंसी के अलावा न्यूनतम 500 बेडों की व्यवस्था की गई है। नीतीश सरकार की यह कोशिश है कि राज्य में ही लोगों को बेहतर और सस्ता इलाज मिले। अगर किसी को बाहर इलाज कराने की इच्छा हो तो वे जा सकते हैं लेकिन राज्य में ही आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
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