दाखिल-खारिज में सुस्ती पड़ी भारी, दो CO और 4 राजस्व कर्मचारियों पर एक्शन; पटना DM ने डीसीएलआर को भी दे दी हिदायत
पटना में राजस्व मामलों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सख्त तेवर दिखाए। लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा का निर्देश दिया। संपतचक और बिहटा के सीओ और चार राजस्व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया। दाखिल-खारिज और परिमार्जन के लंबित मामलों को शून्य करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि शिथिलता लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जागरण संवाददाता, पटना। राजस्व मामलों की समीक्षा के क्रम में सोमवार को जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह के सख्त तेवर दिखे।
लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा का निर्देश दिया। कार्यों में शिथिलता के कारण दो अंचल अधिकारियों एवं चार राजस्व कर्मचारियों से स्पष्टीकरण किया।
उन्होंने कहा कि अपर समाहर्ता सभी अंचलों में सबसे अच्छा एवं सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राजस्व कर्मचारियों की रिपोर्ट दें। शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दाखिल-खारिज के मामलों को शून्य करने का आदेश
उन्होंने कहा कि छह माह पूर्व से ही बैठकों में सभी अंचल अधिकारियों को वर्ष 2023-24 तक के दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के सभी लंबित मामलों को शून्य करने का निर्देश दिया गया था फिर भी कुछ अंचलों में अभी भी यह शून्य नहीं हुआ है। यह अत्यंत खेदजनक है।
जिलाधिकारी ने जमाबंदियों के आधार सीडिंग में सभी अधिकारियों को तेजी लाने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि आवेदनों के निष्पादन में गति आई है। प्राप्त आवेदनों की संख्या में निष्पादन लगभग दो गुणा है। यह प्रशंसनीय है।
समीक्षात्मक बैठक में पाया गया कि विभिन्न मानकों पर संपतचक एवं बिहटा के अंचल अधिकारियों का प्रदर्शन लगातार खराब है। चार राजस्व कर्मचारियों का हाल भी ठीक नहीं है।
इस पर जिलाधिकारी ने दोनों सीओ एवं चार राजस्व पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण किया। बिहटा एवं संपतचक में दाखिल-खारिज के 75 दिनों से अधिक क्रमशः 4,002 एवं 2,688 आवेदन लंबित है।
बीते छह दिनों में एक भी आवेदन का नहीं हुआ निष्पादन
बीते छह दिनों में एक भी आवेदन निष्पादित नहीं किया गया। परिमार्जन प्लस में भी बिहटा में छह दिनों में एक भी आवेदन निष्पादित नहीं किया गया है।
ई-मापी में भी दोनों अंचलों की का प्रदर्शन शून्य है। संंपतचक में छह दिनों में केवल दो आधार सीडिंग किया गया है।
डीसीएलआर को मिल गई हिदायत
समीक्षा में यह भी पाया गया कि मसौढ़ी के भूमि सुधार उप समाहर्ता का भूमि विवाद निराकरण में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। उन्होंने डीसीएलआर को तुरंत स्थिति में सुधार की हिदायत दी।
सभी डीसीएलआर को दाखिल-खारिज के अपील मामलों एवं बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम (बीएलडीआरए) के तहत मामलों का समय-सीमा के अंदर विधिवत निष्पादन के साथ ही क्षेत्रांतर्गत सभी अंचलों का निरीक्षण करने व राजस्व कार्यों का अनुश्रवण करने का निर्देश दिया।
भूमि की उपलब्धता को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आज की तिथि में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या 29,166 है जिसमें 6,748 आवेदन 35 दिन से अधिक तथा 14,986 आवेदन 75 दिनों से अधिक समय से लंबित है।
अद्यतन समीक्षा में यह पाया गया कि 20 से 25 जनवरी तक दाखिल-खारिज के मामले में पटना सदर, धनरुआ, नौबतपुर, फुलवारी शरीफ एवं पुनपुन ने अच्छी प्रगति की है, जबकि मोकामा, दनियावां, बिहटा, पालीगंज एवं पंडारक का प्रदर्शन खराब रहा है।
इन अंचलों का प्रदर्शन खराब
जिले में 75 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मामलों में खुसरूपुर, दनियावां, घोसवरी एवं पंडारक का प्रदर्शन बेहतर जबकि बिहटा, संपतचक, दानापुर, नौबतपुर एवं फतुहा का प्रदर्शन खराब है।
जिलाधिकारी ने सुधार लाने का निर्देश दिया। परिमार्जन प्लस में धनरुआ, संपतचक, दुल्हिनबाजार एवं पालीगंज ने अच्छा कार्य किया। बिहटा, बेलछी, अथमलगोला, खुसरूपुर एवं पंडारक का प्रदर्शन खराब पाया गया।
यह भी पढ़ें-
बिहार में इस जिले के जमीन मालिकों को राहत! दाखिल खारिज को लेकर DM ने जारी किया नया ऑर्डर
दाखिल-खारिज में चल रहा बड़ा 'खेल', अब एक्शन के मूड में नीतीश सरकार; DM को लिखा लेटर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।