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    Land Mutation: दाखिल-खारिज में चल रहा बड़ा 'खेल', अब एक्शन के मूड में नीतीश सरकार; DM को लिखा लेटर

    दाखिल-खारिज में चल रहे बड़े खेल पर नीतीश सरकार ने एक्शन लिया है। निगरानी विभाग ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कई मामलों में रिजेक्ट हुए म्यूटेशन केस को नए अंचलाधिकारी द्वारा पास कर दिया गया है। सबौर अंचल में बच्चू पाल के केस में भी ऐसा ही हुआ है। इस मामले की शिकायत ईशान कुमार मंडल ने निगरानी विभाग से की थी।

    By Navaneet Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 22 Jan 2025 02:31 PM (IST)
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    दाखिल-खारिज में चल रहा बड़ा 'खेल', अब एक्शन के मूड में नीतीश सरकार

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। अंचल में म्यूटेशन (Bihar Land Mutation) का खेल चल रहा है। इस खेल में कोई फेल हो रहा है तो कोई पास। इसमें सबसे बड़ा खेल सिस्टम का हो रहा है। सिस्टम में स्पेश का खेल अधिक हो रहा है। पूर्व के अंचलाधिकारी जिस म्यूटेशन के केस रिजेक्ट कर दे रहे हैं, उस केस को वर्तमान अंचलाधिकारी द्वारा पास कर दिया जा रहा है।

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    ऐसे कई मामले जगदीशपुर, नाथनगर सहित अन्य अंचलों में सामने आए हैं। सबौर अंचल में बच्चू पाल के केस में कुछ ऐसा ही किया गया है। इस मामले को बिहार सरकार के निगरानी विभाग ने गंभीरता से लिया है। निगरानी विभाग की विशेष कार्य पदाधिकारी डेजी ईरानी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

    कई बार रिजेक्ट हुआ केस, अंचलाधिकारी के बदलते ही मिली हरी झंडी

    बच्चू पाल का म्यूटेशन का केस पिछले कई अंचलाधिकारी व राजस्व कर्मचारी द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया था। वर्तमान अंचलाधिकारी सौरभ कुमार ने म्यूटेशन कर दिया। कहा जा रहा है कि सबाैर में राजस्व कर्मचारी रहीं ललिता कुमारी की रिपोर्ट के आधार पर म्यूटेशन नहीं किया गया। ललिता कुमारी दूसरे हल्का ट्रांसफर कर दी गईं और अमित कुमार को उक्त हल्का दिया गया।

    हल्का बदलते ही रिजेक्ट म्यूटेशन को पास कर दिया गया। इस मामले की शिकायत ईशान कुमार मंडल ने निगरानी विभाग से की। उक्त शिकायत के आधार पर निगरानी विभाग ने जांच कराने का निर्देश जिलाधिकारी को दिया है। जिलाधिकारी के आदेश पर मामले की जांच आपदा प्रबंधन विभाग के एडीएम कर रहे हैं।

    एडीएम ने मांगा साक्ष्य

    एडीएम ने शिकायतकर्ता से लगाए गए आरोप का साक्ष्य मांगा है। शिकायतकर्ता की ओर से लिखित में साक्ष्य उपलब्ध कराया है। आरोप लगाया गया है कि सौरभ कुमार जब से सीओ का पदभार संभाला है, तब से पिछले सीओ द्वारा रुके सारे म्यूटेशन को पास किया गया है। राजस्व कर्मचारी बाबूलाल सिंह की कार्यशैली पर भी ऊंगली उठाई गई है।

    सबौर के अंचलाधिकारी ने क्या कहा?

    इस मामले में सबौर के अंचलाधिकारी सौरभ कुमार का कहना है कि डीसीएलआर व हाई कोर्ट के एमजेसी के निर्णय के आलोक में रिजेक्ट म्यूटेशन को पास किया गया है। इसमें कहा गया था कि अंचलाधिकारी अपने विवेक से निर्णय लें। इसके बाद जीपी से परामर्श लिया गया। दोनों पक्षों को बुलाकर सुनवाई की गई। इसके बाद म्यूटेशन पास किया गया।

    उन्होंने बताया कि दो पक्षों में जमीन को लेकर विवाद था। एडीएम ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश दिया था कि जमीन की पूर्ववत स्थिति में रहे। सारी स्थिति को देखने के बाद म्यूटेशन किया गया है। कुछ दलाल किस्म के लोग फर्जी म्यूटेशन कराने में सफल नहीं हो रहे हैं तो इस तरह का आरोप लगा रहे हैं।

    दाखिल-खारिज में चल रहा बड़ा खेल

    जगदीशपुर अंचल में म्यूटेशन के एक मामले में दो बार केस रिजेक्ट करने के बाद तीसरी बार उसे पास कर दिया। केस नंबर 1291/2023-2024, खाता नंबर 103, प्लाट नंबर 607, मीरा देवी के आवेदन को 25 अप्रैल 2023 को रिजेक्ट कर दिया गया।

    इसके बाद केस नंबर 9289/2023-2024, खाता नंबर 103, प्लाट नंबर 607, मीरा देवी के आवेदन को चार नवंबर 2023 को रिजेक्ट कर दिया गया। केस नंबर 731/2024-2025, खाता नंबर 103, प्लाट नंबर 607, मीरा देवी के आवेदन को दो मई 2024 स्वीकृत कर दिया गया। यह तो एक बानगी है।

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