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    Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री और म्यूटेशन में गलती सुधारने के लिए अब सिर्फ 30 दिन का समय, जानिए नए नियम

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 21 Jan 2025 06:00 AM (IST)

    बिहार में जमीन की रजिस्ट्री या दाखिल-खारिज के लिए आवेदन करने वालों के लिए जरूरी खबर। अब आवेदन में किसी भी तरह की गलती या त्रुटि को सुधारने के लिए सिर्फ 30 दिन का समय मिलेगा। इसके बाद आवेदन अपने आप रद हो जाएगा। पहले इसे लेकर कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। इससे आवेदक अपनी सुविधा के अनुसार गलतियों को सुधार कर लेते थे।

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    जमीन रजिस्ट्री और म्यूटेशन में गलती सुधारने के लिए अब सिर्फ 30 दिन का समय

    संवाद सूत्र, गिद्धौर (जमुई)। जमीन के दाखिल खारिज या जमीन की रजिस्ट्री (Bihar Jamin Registry) करने के बाद परिमार्जन के लिए आवेदन अगर दिया है, तो सतर्क रहें और अपने मोबाइल पर आवेदन से संबंधित स्टेटस चेक करते रहें। नए नियम के तहत आवेदकों को सिर्फ 30 दिन का मौका दिया जाएगा। इसके बाद आवेदन स्वत: रद हो जाएगा।

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    रैयत (जमीन मालिक) 30 दिन के अंदर आवेदन में किसी तरह की गड़बड़ी या त्रुटि होने पर सीओ उक्त आवेदन आवेदक को वापस भेज देते हैं। आवेदन लौटने के बाद उन त्रुटियों को हर हाल में 30 दिनों के अंदर सुधार लें, ऐसा नहीं किया तो आवेदन रद कर दिया जाएगा।

    आवेदन रद हुआ तो फिर से पूरी प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी

    परिमार्जन प्लस पोर्टल (Parimarjan Plus Portal) पर तय अवधि के अंदर सुधार नहीं करने पर आवेदन स्वतः रद हो जायेगा। आवेदन रद होने के बाद रैयत को फिर से पूरी प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के नए नियमों के साथ दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

    इसके तहत सीओ किसी भी दाखिल खारिज के आवेदन में त्रुटि पाए जाने पर उसे आवेदक को वापस भेज देते हैं। इसके बाद आवेदक को दोबारा से उसी लॉग-इन से सुधार कर आवेदन को ऑनलाइन भेजना होता है। पहले इसे लेकर कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। इससे आवेदक अपनी सुविधा के अनुसार, गलतियों को सुधार कर लेते थे।

    सीओ आरती भूषण ने क्या कहा?

    दाखिल खारिज आवेदन त्रुटि के बाद और आवेदक के लॉग-इन में आवेदन वापस भेजने के बाद लगातार दाखिल खारिज के लंबित मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा था। आवेदक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे। इस कारण विभाग को यह परेशानी हो रही थी, इसलिए नए नियम के तहत यह व्यवस्था विभाग द्वारा की गयी है।

    समान्यतः दाखिल खारिज म्यूटेशन में 30 दिनों की समय सीमा निर्धारित है। अगर किसी प्रकार का ऑब्जेक्शन होता है तो वैसे मामलों में 75 दिन की समय सीमा आवेदक को संबंधित त्रुटि के सुधार के लिए निर्धारित है। आरती भूषण, सीओ, गिद्धौर

    सरकार के फैसले पर क्या बोले आरटीआई कार्यकर्ता?

    सरकार व राजस्व विभाग लाख कवायद कर ले, लेकिन आज भी आम आदमी के भूमि से संबंधित कार्य बिना नजराने के संभव नही हो पाते हैं। गिद्धौर अंचल कार्यालय में सक्रिय आधा दर्जन से अधिक चिह्नित बिचौलियों से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही प्रखंड क्षेत्र के किसान व रैयतों का किसी भी प्रकार का कार्य अंचल के बाबू करते हैं। विमल कुमार मिश्रा, आरटीआई कार्यकर्ता, गिद्धौर

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