National Medical Register: डॉक्टरों को NMR में कराना होगा रजिस्ट्रेशन, देनी होगी ये अहम जानकारियां; मिलेगा यूनिक नंबर
National Medical Register बिहार के 45000 से अधिक डॉक्टरों को अब केंद्र सरकार के नेशनल मेडिकल रजिस्टर (एनएमआर) में अपनी सभी मेडिकल डिग्री कार्य अनुभव पेश में बिताए गए वर्ष समेत अन्य सभी जानकारियां दर्ज करनी होंगी। इस रजिस्टर में उनका वर्तमान पता आधार पंजीयन भी दर्ज होगा। इसके बाद डॉक्टरों को एक यूनिक नंबर भी दिया जाएगा। एनएमआर में पंजीकरण एक बहुत ही सरल ऑनलाइन प्रक्रिया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के तकरीबन 45 हजार एमबीबीएस डॉक्टरों को अब अपनी सभी मेडिकल डिग्री, कार्य अनुभव, पेश में बिताए गए वर्ष समेत अन्य सभी जानकारियां केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (एनएमआर) में दर्ज करनी होंगी।
यही नहीं उनका वर्तमान पता, आधार, पंजीयन भी इस रजिस्टर में दर्ज करना होगा। इसके बाद डॉक्टरों को एक यूनिक नंबर भी दिया जाएगा।
अबतक डॉक्टरों का कोई प्रमाणिक डाटा नहीं
देश में वर्तमान में डॉक्टरों का कोई प्रमाणिक डाटा नहीं है। जो डाटा है भी वह बिखरा हुआ है। बिहार के साथ ही देश के स्तर पर डॉक्टरों के बिखरे हुए डाटा को संशोधित और अपग्रेड करने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस कमी को नेशनल मेडिकल रजिस्टर यानी एनएमआर पूरा करेगा।
स्वास्थ्य का इकोसिस्टम बनाना चाहती है केंद्र
केंद्र सरकार स्वास्थ्य का इकोसिस्टम बनाना चाहती है। इसी कड़ी में डॉक्टरों का डाटा बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
डॉक्टरों का ब्योरा एनएमआर में दर्ज होने के बाद राज्य अथवा केंद्र सरकार के लिए जानना बेहद आसान हो जाएगा कि प्रदेश या देश में डॉक्टरों की कुल संख्या कितनी है।
बीते कुछ वर्षो में कितने डॉक्टरों ने देश छोड़ा और कितने डॉक्टरों पर प्रतिबंध लगाया गया इसके साथ ही डॉक्टरों की स्कूल, कालेज की शिक्षा के साथ डॉक्टरों की डिग्री और उनसे जुड़ी अन्य जानकारियां भी सरकार के लिए सहज उपलब्ध हो जाएंगी।
13 लाख डॉक्टरों का डाटा किया जाएगा सुरक्षित
सूत्रों की माने तो, जो नेशनल मेडिकल रजिस्टर में देश के 13 लाख से अधिक डॉक्टरों का डाटा सुरक्षित किया जाएगा। बता दें कि एनएमआर में पंजीकरण एक बहुत ही सरल ऑनलाइन प्रक्रिया है।
इससे सभी मेडिकल कालेज अस्पताल, मेडिकल संस्थान एसएमसी पोर्टल पर आपस में जुड़े होंगे। इनमें से कुछ हिस्सा आम पब्लिक देख सकेगी।
जबकि, पूरा डाटा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, राज्य चिकित्सा परिषद, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड और मेडिकल में नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड और पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) को आवश्यकताओं के अनुसार दिखायी देगा।
ऐसे दर्ज होगा विवरण
डॉक्टरों को एनएमआर में नाम दर्ज कराने के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर के पोर्टल पर जाना होगा। जहां उन्हें अपने नाम व अन्य जानकारियों के साथ डिग्री से जुड़े सारे दस्तावेजों की प्रति अपलोड करनी होगी। इसके बाद इसकी सत्यता का आकलन कर डॉक्टरों को यूनिक पहचान नंबर दिया जाएगा।
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