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    बेटों को सेट करने में बिहार को अपसेट कर रहे लालू : पीएम मोदी

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Sun, 25 Oct 2015 06:49 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चार रैलियों के साथ तीसरे और चौथे चरण के चुनाव प्रचार अभियान का आरंभ किया। पहली रैली छपरा के मढ़ौरा में हुई। इसके बाद ...और पढ़ें

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    पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र ने आज चार रैलियों के साथ तीसरे और चौथे चरण के चुनाव प्रचार अभियान का आरंभ किया। प्रधानमंत्री की पहली रैली छपरा में हुई। इसके बाद उन्होंने हाजीपुर मेें रैली को संबोधित किया। हाजीपुर के बाद प्रधानमंत्री नालंदा में जनता से रूबरू हुए। प्रधानमंत्री की आज की अंतिम रैली पटना के नौबतपुर में हुई।

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    नौबतपुर में मोदी ने विकास को हर मर्ज की दवा बताया। कहा कि बिहार होगी तकदीर तंत्र-मंत्र से नहीं, बल्कि बिजली, पानी व सड़क से बदलेगी। नीतीश कुमार व लालू प्रसाद पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि लालू अपने बेटों को राजनीति में सेट करने के क्रम में बिहार को अपसेट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पांच साल में एनडीए की सरकार बिहार की सूरत बदल देगी।

    मोदी के पंच

    1. बिहार की एक इंच भी ऐसी धरती नहीं होगी जिसकी सांस्कृतिक विरासत न हो। पाटलीपुत्र पूरे हिंदुस्तान का गौरव है। इस धरती को प्रणाम करता हूं।

    2. कौन एमएलए बने, कौन न बने, इसके लिए यह चुनाव नहीं है। यह चुनाव इस बात का फैसला करने के लिए है कि बिहार का भविष्य कैसा होगा। बिहार का भाग्य कौन बदलेगा, इसके लिए यह चुनाव है। इसलिए इस चुनाव में बिहार के भाग्य की चिंता करनी चाहिए।

    3. राजनीति में कई साल से हैं। चुनाव लड़े और लड़ाएं भी हैं। लेकिन, ऐसा माहौल कभी नहीं दिखा। आठ तरीख को जब चुनाव परिणाम आएगा, तब अकेला बिहार नहीं, बल्कि पूरा हिंदुस्तान दिवाली मनाने वाला है।

    4. राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है कि चुनाव में अपने कार्यक्रमों, नेताओं से लोगों को परिचित कराएं। लेकिन, पराजय की दहलीज पर खड़े लोग आपा खो बैठे हैं। चुनाव की गंभीरता को अब गहरी चोट पहुंचाने का षड़यंत्र किया जा रहा है।

    5. 2019 में लोकसभा का चुनाव होगा। तब मेरी जिम्मेदारी बनती है कि आपको अपने कार्यों का हिसाब दें। पिछले दो माह से चुनाव का प्रचार चल रहा है, लेकिन ये महास्वार्थबंधन के बड़े भाई-छोटे भाई, जो 25 सालों से सरकार चला रहे हैं, हिसाब नहीं दे रहे हैं।

    6. महास्वर्थबंधन के लोगों को जनता की परवाह नहीं है। वे खुद को राजा-महाराजा मानते हैं। हिसाब देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। बड़े भाई-छोटे भाई आप समझ लीजिए, जितना भी कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा।

    7. नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद को एक पत्र लिखा था। उन्होंने ऐसा प्रेमपत्र नहीं लिखा होता तो मुझे भी पता नहीं चलता कि लालू जी कितने विशेष व्यक्ति हैं। लालू को चाहने वालो से मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मजबूरी है कि नीतीश की ऐसी चिट्ठी के बाद भी लालू उनके साथ हैं।

    8. बेटों को सेट करने के चक्कर में बिहार को अपसेट करने में लगे हैं लालू प्रसाद।

    9. यूपी के बलिया के नेता चंद्रशेखर जी में ताकत थी इंदिरा गांधी से भी आंख में आंख डालकर बात करने की। उस चंद्रशेखर जी ने भी कांग्रेस को जेपी के लिए लात मार दिया। लेकिन, अपने बिहार के नीतीश कुमार को देखिए, जेपी को छोड़कर कांग्रेस के साथ चले गए हैं।

    10. बिहार के लोगों, निर्णय आपको करना है। 25 साल बर्बाद हो गए हैं और बर्बाद करना है क्या?

    11. नीतीश कुमार के हाथ एक जुमला शब्द लगा है "बिहारी या बाहरी।'बड़े भाई-छोटे भाई से पूछना चाहता हूं कि नौजवानों को बिहार छोड़कर पढ़ने-नौकरी के लिए जाना पड़ता है या नहीं? झुग्गी-झोपड़ी में बाहर रहने को मजबूर होना पड़ता है या नहीं? यह परिस्थिति किसने पैदा की? 25 सालों में दो-दो पीढ़ी तबाह कर दी। यह पाप किसने किया? बिहार के नौजवानों को बाहर किसने धकेल दिया? यह पाप बड़े भाई-छोटे भाई ने किया है। मैं मेरे बिहार को बाहरी नहीं बनने दूंगा।

    12. कैसा झूठ चला रहे हैं? ...आज हमारे देश में किसी भी कोने से आरक्षण हटाने की मांग आती ही नहीं। देश के सभी राजनीतिक दलों-समाज के हर तबके ने इस व्यवस्था को स्वीकार कर लिया है। मांग आ रही है कि हमें भी इससे जोड़ दीजिए। पूरी संसद में इस मुद्दे सहमति है। आरक्षण के मुद्दे पर किसी भी दल से हमारा कोई मतभेद नहीं है। बाबा साहेब के संदेश से हम भी पूरा इत्तेफाक रखते हैं। बाबा साहेब न होते तो आज ये नरेंद्र मोदी भी न होता। ये जो झूठ चलाया जा रहा है और कुछ लोग पचासों बार कहने के बाद भी अपने झूठ को थोपने की कोशिश कर रहे हैं, बिहार की जनता इसका जवाब देगी।

    13. अब तक हम सुनते थे कि महास्वार्थबंधन में तीन दल है, तीन व्यक्ति लालू, नीतीश और मैडम सोनिया जी हैं, लेकिन अभी पता चला कि इसमें तीन नहीं चार खिलाड़ी है। चौथा खिलाड़ी तांत्रिक है। क्या हो गया यहां के नेताओं को। बिहार की धरती वैशाली जहां से लोकतंत्र का सूरज उगा था, यहां की धरती पर ऐसे लोग भी हैं, जो लोकतंत्र की भाषा छोड़कर जंतर-मतर में लगे हैं।

    14. बिहार को 18वीं सदी में ढकेलने का प्रयास हो रहा है। बिहार के युवाओं को जंतर-मतर नहीं, लैपटॉप-कंप्यूटर चाहिए। लालू जी काले कबूतर काटने की बात कहते हैं, अरे लालू जी आप ये पाप न करो। जहां कहोगे मोदी आ जाएगा, उसकी चमड़ी उधेड़ लो। लेकिन, उस कबूतर को तो न मारो।

    15. जब झारखंड बिहार का हिस्सा था, कोयले का भंडार था, तब आपने बिहार को अंधेरे में रखा। मैं भूटान गया, वहां बिजली उत्पादन संयत्र लगाया, जिससे बिहार रोशन होगा। हिंदुस्तान बिहार के बिना आगे नहीं बढ़ सकता।

    16. एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के साथ 40 हजार करोड़ पुराने रुपये भी दे दिया हूं। एक लाख 65 हजार करोड़ रुपये बिहार की धरती पर आएंगे। यहां इन पैसों से कार्य कराने के लिए आपकी मदद चाहिए।

    17. बिहार का भाग्य बदलने के लिए मेरा छह सूत्री कार्यक्रम है। तीन सूत्र बिहार प्रदेश की भलाई के लिए और तीन सूत्र परिवारों की भलाई के लिए। बिहार प्रदेश के लिए तीन सूत्र बिजली, पानी और सड़क हैं। विकास की है यही राह- बिजली पानी और सड़क। परिवार के लिए भी तीन सूत्र हैं - पढ़ाई, कमाई और दवाई।

    18. ये महास्वार्थबंधन में तीन पार्टियां आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस हैं। इनकी पहचान तीन शब्दों से हो जाती है- दंभ, दमन और दगा। यही है महास्वार्थबंधन की पहचान। अब बिहार की धरती पर यह परंपरा समाप्त होनी चाहिए।तभी बिहार का भाग्य बदलेगा।

    19. अगर हिमालय में बर्फ गिरती है तो ठंड बिहार में आती है। हिमालय में जो होता है उसका प्रभाव बिहार में होता है। अभी लेह-लद्दाख में चुनाव हुए और बीजेपी ने क्लीन स्विप किया। कांग्रेस 22 से पांच सीटों पर आ गई। बर्फ गिरती है तो हवा चलती है। इस विजय की भी हवा चलेगी। आठ अक्टूबर को दिवाली मनाने की आपको शुभकामनाएं देता हूं।

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    नरेंद्र मोदी की चुनावी रैलियों के लिए पार्टी ने स्थल चयन काफी सोच-विचार के बाद तय किया। मसलन नौबतपुर की चुनावी सभा पार्टी नेे बिक्रम, मनेर, पालीगंज और मसौढ़ी को ध्यान में रखकर किया है। वहीं मढ़ौरा से सारण जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया गया। हाजीपुर में भी सभा स्थल ऐसी जगह पर थी, जहां से लालू प्रसाद के दोनों बेटों के चुनाव क्षेत्र महुआ और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र का बिदुपुर करीब पड़ते थे।