हजार नफरतियों पर भारी है पटना की ये अकेली तस्वीर, अरमान ने रामदेव का आखिर तक दिया साथ
Bihar News देश भर में कुछ कट्टरपंथी जब पूरा माहौल बर्बाद करने में लगे हैं तो पटना की ये तस्वीर अमनपसंद लोगों को राहत दे सकती है। पटना के रहने वाले मो ...और पढ़ें

फुलवारीशरीफ (पटना), संवाद सूत्र। देश भर में सामाजिक माहौल बिगाड़ने और विद्वेष को बढ़ावा देने वाली खबरों के बीच बिहार की राजधानी पटना से राहत देने वाली एक तस्वीर सामने आई है। पटना की यह तस्वीर बताती है कि आम आदमी के दुख-दर्द एक जैसे हैं और इसमें साझीदार केवल अपने लोग ही हैं। यहां एक मुस्लिम परिवार ने 20 साल से अपनी दुकान में परिवार के सदस्य की तरह नौकरी कर रहे एक हिन्दू शख्स रामदेव की मौत के बाद शव का सनातन पद्धति से अंतिम संस्कार किया।
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मोहम्मद अरमान की दुकान में अकाउंटेंट थे रामदेव
पटना के समनपुरा इलाके में रहने वाले मुस्लिम परिवार के सदस्य अर्थी पर शव रख अंतिम संस्कार के लिए राम नाम सत्य बोलते हुए गंगा किनारे पटना के गुलबी घाट तक ले गए। रामदेव, राजा बाजार के समनपुरा में रहने वाले मोहम्मद अरमान की दुकान में 20 साल से अकाउंटेंट थे। वह भटकते हुए राजा बाजार आए थे, काफी भूखे थे। तब उन्हें स्थानीय लोगों ने भोजन कराया था।
किराए के मकान में रात को हुई मौत
बातचीत में उनके पढ़े-लिखे होने का पता चला तो अरमान ने अपनी दुकान में अकाउंटेंट के रूप में रख लिया। तब से वे लगातार उन्हीं के यहां काम कर रहे थे। शुक्रवार को किराए के घर में अचानक सोये में उनकी मृत्यु हो गई। तब मकान मालिक ने यह जानकारी मो. अरमान व उनके भाई को दी। अर्थी को मो. रिजवान, मो. अरमान, मो. राशिद और मो. इजहार ने कंधा दिया।

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