मोकामा में गरम माहौल: 'जेल का फाटक टूटेगा, हमरा शेर छूटेगा'… अनंत सिंह के समर्थक पोस्टर से दे रहलन संदेश
मोकामा में अनंत सिंह के समर्थकों ने एक पोस्टर जारी कर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। पोस्टर में लिखा है कि 'जेल का फाटक टूटेगा, हमरा शेर छूटेगा', जिससे उनकी रिहाई की उम्मीद जताई गई है। इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है और पुलिस सतर्क हो गई है।

मोकामा के कई इलाकों में बड़े-बड़े पोस्टर
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे भले अभी आए न हों, लेकिन मोकामा का माहौल चुनाव से ज़्यादा किसी सिनेमाई क्लाइमैक्स जैसा बन गया है। जेडीयू के उम्मीदवार और बाहुबली नेता अनंत सिंह भले ही जेल में बंद है पर उनके समर्थकों का जोश ठंडा पड़ने का नाम नहीं ले रहा है। मोकामा के कई इलाकों में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं, जिनपर साफ लिखा है...“जेल का फाटक टूटेगा, हमरा शेर छूटेगा।”
इससे साफ पता चलता है कि, समर्थक सीधे-सीधे संकेत दे रहे हैं कि चाहे नेता जी सलाखों के पीछे हों, पर चुनावी जंग में उनका दबदबा अभी भी बरकरार है।
2 नवंबर को अनंत सिंह हुए थे गिरफ्तार?
अनंत सिंह को 2 नवंबर को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब जन सुराज समर्थक दुलार चंद यादव की हत्या के मामले में उनका नाम आया। पटना पुलिस ने उन्हें दो अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, यादव की मौत दिल और फेफड़े में लगी गंभीर चोटों से हुई थी, जो किसी भारी चीज़ से मारे जाने की वजह से हुई। इस घटना ने पूरे मोकामा का चुनावी तापमान बढ़ा दिया था।
अनंत सिंह: सियासत में टेढ़ा खेल
28 आपराधिक मामलों के बावजूद अनंत सिंह का मोकामा में दबदबा किसी खुला राज़ जैसा है।
- 2005 में पहली बार विधायक बने।
- 2010 में JDU से सीट बचाई।
- 2015 में पार्टी छोड़कर निर्दलीय लड़े और जेडीयू को हराया।
- 2020 में RJD से चुनाव जीते।
- 2022 में हथियार मामले में दोषी करार, फिर पत्नी नीलम देवी ने उपचुनाव जीता।
- अब 2025 में फिर जेडीयू की गोद में वापस।
यानी अनंत सिंह का राजनीतिक सफर भी मोकामा के समीकरणों की तरह उलझा-पुलझा रहा है।
मोकामा की जंग किसके बीच?
इस सीट पर मुकाबला तीन तरफ़ा है
- अनंत सिंह (JDU)
- प्रियदर्शी पियूष (जन सुराज)
- वीणा देवी (RJD)
हालांकि नेता जी जेल में हैं, लेकिन मोकामा में उनके समर्थकों की सक्रियता किसी खुले प्रचार से कम नहीं। घर-घर पोस्टर, नुक्कड़ पर चर्चा और गांवों में “अनंत जी आएंगे” वाली उम्मीद एक बार फिर हवा में तैर रही है।
मोकामा की हवा इस बार क्या करवट लेगी, ये नतीजे बताएंगे… लेकिन इतना तय है कि पोस्टरों ने चुनाव को नई गर्मी दे दी है और अनंत सिंह का नाम फिर सुर्खियों के केंद्र में आ गया है।
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