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    अब QR कोड से खुलेगी मुर्गियों की कुंडली, उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया ये खास मोबाइल ऐप

    अब चिकन खरीदते समय उसकी पूरी जानकारी एक QR कोड स्कैन करके प्राप्त करें। आहार सेतु और आहार फ्रेश ऐप के माध्यम से पोल्ट्री फार्म से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध होगी। यह ऐप ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करेगा। इसके विश्लेषण से किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा और उपभोक्ता को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध होगा।

    By Pintu Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 19 Mar 2025 03:25 PM (IST)
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    अब QR कोड से खुलेगी मुर्गियों की कुंडली (जागरण)

    पिंटू कुमार, पटना। चिकेन के दुकानों पर बिकने वाली मुर्गियों की कुंडली अब बड़ी ही आसानी से खुल जाएगी। अगर आप भी चिकेन की दुकान से मुर्गी खरीदने जा रहे हैं और उस मुर्गी के बारे में जानना चाहते हैं कि यह मुर्गी किस पोल्ट्री फार्म की है, इसका ब्रीड कौन सा है, इसे खिलाने के लिए किस तरह के दाने का इस्तेमाल किया गया है, इस मुर्गी को पहले कोई बीमारी थी या नहीं।

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    इसे किसी तरह का कोई केमिकल देकर तो बड़ा नहीं किया गया है, जैसे तमाम राज अब बस एक क्यूआर कोड के स्कैन करते ही सामने आ जाएंगे।

    दरअसल, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और आहार सेतु प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त प्रयास से ‘आहार सेतु’ और आहार फ्रेश ऐप विकसित की गई है। आहार सेतु ऐप पोल्ट्री फार्म संचालक और आहार फ्रेश ऐप उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया है। आहार सेतु ऐप के माध्यम से पोल्ट्री फार्म संचालक मुर्गी के गले में टंगे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही सारी जानकारी हासिल कर सकेंगे। ऐप का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने किया।

    यह ऐप पोल्ट्री सेक्टर से जुड़ा है जो फार्म से उपभोक्ता तक की प्रक्रिया को जोड़ने वाला एक आधुनिक ट्रेसेबिलिटी ऐप है। जो उत्पादन से उपभोग तक के सभी चरणों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराता है।

    कौन-कौन मौजूद रहा?

    इस मौके पर बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन सह निदेशक अनुसंधान डॉ. जे.के. प्रसाद, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव कुमार, छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ. ए.के. शर्मा, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान के डीन डॉ. उमेश सिंह, डॉ. सहदेव डे, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. निर्भय कुमार, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. अजीत कुमार आदि मौजूद रहे।

    ‘आहार सेतु’ ऐप के फाउंडर अमित प्रकाश और को-फाउंडर मोहम्मद अजहरूद्दीन ने ऐप की विशेषताओं और इसके लाभों पर विस्तार से जानकारी दी।

    ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित

    यह ऐप ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जिससे खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी गतिविधियों, जांच, रखरखाव और परिवहन से जुड़ी सूचनाएं उपभोक्ताओं तक पारदर्शी रूप से पहुंचेंगी। वर्तमान समय में अधिकांश बीमारियां पशुओं से मानव में फैल रही हैं। ऐसे में इस ऐप के माध्यम से शुद्ध और सुरक्षित खाद्य पदार्थ की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।

    'आहार सेतु' ऐप का मुख्य उद्देश्य पोल्ट्री सेक्टर में उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक के बीच पारदर्शिता बनाए रखना है। ऐप के माध्यम से मुर्गी पालक, उत्पाद की गुणवत्ता, बाजार की स्थिति, बिचौलियों से बचाव, परिवहन और लाजिस्टिक्स की स्थिति का डाटा जनरेट करेगा। इसके विश्लेषण से किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा और उपभोक्ता को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध होगा।

    ऐप में जियो लोकेशन टैगिंग

    ऐप में जियो लोकेशन टैगिंग की सुविधा भी दी गई है। जिससे उत्पाद को स्कैन करने पर यह जानकारी मिलेगी कि किसने इसे कब बेचा, उपभोक्ता तक कब पहुंचा और इस दौरान यह किन चरणों से होकर गुजरा।

    कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा, आज के दौर में खाद्य उत्पाद की ट्रेसेबिलिटी बेहद जरूरी हो गई है। इस ऐप से उपभोक्ताओं को भरोसा मिलेगा कि वे जो उत्पाद खा रहे हैं, वह स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त है। पोल्ट्री सेक्टर को इससे बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि यह क्षेत्र अक्सर अफवाहों और गलत सूचनाओं से प्रभावित होता है।

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