Kosi Mechi River Link Project: कोसी से जुड़ेगी मेची नदी, मोदी कैबिनेट ने उत्तर बिहार को दी बड़ी सौगात
Kosi Mechi River Link Project केंद्रीय कैबिनेट की शुक्रवार को हुई बैठक में बिहार के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत उत्तर बिहार में कोसी-मेची नदी अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना की वजह से इस पूरे इलाके को बाढ़ की समस्या से राहत और सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद है।

डिजिटल डेस्क, पटना। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शुक्रवार को कई परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इसमें बिहार के लिए भी फैसले हुए हैं। इनसे प्रदेश के लोगों को लाभ होगा।
मोदी कैबिनेट ने जो फैसले लिए उनमें से एक बिहार की कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना से जुड़ा है।
इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के अंतर्गत शामिल करने के साथ मंजूरी दी गई है।
आंकड़ों से समझिए क्या है कोसी मेची लिंक परियोजना?
- मंजूर परियोजना की अनुमानित लागत 6,282.32 करोड़ है, जिसमें केंद्र की ओर से 3,652.56 करोड़ की सहायता प्रदान की जा रही है।
- वहीं, मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर (ईकेएमसी) का 41.30 किलोमीटर तक पुनर्निर्माण और ईकेएमसी का मेची नदी तक 117.50 किलोमीटर तक विस्तार।
- खरीफ सीजन में 2,10,516 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त वार्षिक सिंचाई सुविधाएं।
क्या होगा लाभ?
इसे परियोजना के माध्यम से उत्तर बिहार में बहने वाली कोसी नदी और मेची नदी को आपस में नहर के जरिए जोड़ दिया जाएगा।
इन नदियों के एक-दूसरे से जुड़ जाने पर इस इलाके में गर्मी में पानी की कमी से राहत और सिंचाई व्यवस्था में सुधार होगा। इसके साथ ही बारिश में बाढ़ की समस्या से भी निजात पाने में मदद मिलेगी।
PM मोदी ने एक्स पर किया पोस्ट
केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि बिहार के चौतरफा विकास के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।
इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कोसी-मेची इंट्रा स्टेट लिंक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इससे जहां एक बड़े क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, वहीं किसान भाई-बहनों की आय भी बढ़ेगी।
क्या है कोसी मेची लिंक नहर प्रोजेक्ट?
कोसी बराज से मेची नदी तक यह पूरी परियोजना 117.5 किमी लंबी होगी। इसके तहत वीरपुर से फारबिसगंज तक पहुंची मुख्य पूर्वी नहर का किशनगंज के मेची नदी तक विस्तार होगा।
जिसमें फारबिसगंज तक मुख्य पूर्वी नहर 41.3 किमी बना हुआ है। यहां से इसी नहर का मेची नदी तक 76.2 किमी विस्तारीकरण होगा।
इस परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए इस नहर की क्षमता भी बढ़ायी जाएगी। 1962 में बने नहर का डिजाइन डिस्चार्ज फिलहाल 425 क्यूमेक(घनमीटर) है, जिसकाे बढ़ाकर 573 क्यूमेक किया जाएगा।
इस पूरी नहर परियोजना से सिंचाई के लिए चार ब्रांच कैनाल (शाखा नहर) और छह डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल (वितरणी नहर) होगा।
ब्रांच कैनाल एक की लंबाई सबसे अधिक 116 किमी है, जो बथनाहा प्रमंडल में आएगा। ब्रांच कैनाल दो कटिहार डिवीजन में है, जिसकी लंबाई 65 किमी। वहीं, अररिया प्रमंडल में कैनाल तीन 18 किमी और कैनाल चार 30 किमी लंबी होगी।
इसी तरह 6 डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल में अररिया जिले के बथनाहा प्रमंडल में पड़ने वाले एक की लंबाई 10 किमी, दो की लंबाई 05 किमी, कटिहार प्रमंडल में तीन की लंबाई पांच और चार की सात किमी, अररिया प्रमंडल का डिस्ट्रीब्यूटरी कैनाल पांच की 11 किमी और छह की 10 किमी लंबाई होगी।
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