Bihar Politics: 'एक बार अपने ससुर जी से पूछ लीजिए...', लालू और मांझी परिवार में बढ़ती जुबानी जंग
बिहार में लालू प्रसाद यादव और जीतन राम मांझी के परिवारों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। मांझी परिवार राजद और लालू के बयानों पर लगातार हमलावर है। दीपा मांझी ने लालू की बहू राजश्री यादव पर निशाना साधा है। संतोष सुमन भी तेजस्वी यादव के बयानों का विरोध कर रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में दो राजनीतिक परिवारों के बीच जुबानी जंग बढ़ती जा रही है। यह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और हम संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) का परिवार है। मांझी जहां राजद और लालू प्रसाद के बयानों पर लगातार हमलावर रहे हैं, वहीं उनके बेटे संतोष सुमन, तेजस्वी यादव के बयान के विरोध का मोर्चा संभाल रहे हैं।
अब इस लड़ाई में मांझी की बहू विधायक दीपा मांझी की भी एंट्री हो गई है, जो लालू प्रसाद की बहू राजश्री यादव पर निशाना साध इस परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं।
दीपा मांंझी बोलीं- एक बार अपने ससुर जी से पूछ लीजिए...
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब राजश्री यादव नाम के एक्स हैंडल से राष्ट्रीय स्वयंसेवकों की तस्वीर लगाकर इन्हें सीमा पर लड़ाई के लिए भेजने की टिप्पणी की गई तो दीपा मांझी ने प्रतिक्रिया दी- नाम बदल लेने से सोच नहीं बदल जाएगी रिचेल भौजी...। जिस पर आप तंज कस रही है, उसी अभ्यास और संकल्प से निकले हाथों में आज देश न केवल सुरक्षित है। एक बार अपने ससुर जी से पूछ लीजिए...इन्हीं देशभक्तों ने उन्हें पिछले दो दशकों से ज्यादा से जेल की सैर जो कराई है।
'आपके पास एक्सपायर्ड लाइसेंस है'
लालू के पुत्र तेजप्रताप यादव ने जब पायलट का लाइसेंस पोस्ट करते हुए लड़ाई में जाने की बात कही तो दीपा मांझी ने लिखा- तेजू भैया हवाबाजी तो आप करते ही रहे हैं...वैसे भी आपके पास ''वायुयान चालक'' का नहीं ''उड़ान रेडियो टेलीफोन प्रचालक'' का एक्सपायर्ड लाइसेंस है।
तेजस्वी यादव के बयान पर संतोष सुमन भी लगातार हमलावर रहे हैं। आरक्षण के मुद्दे पर तेजस्वी यादव के बयान पर संतोष सुमन ने कहा कि लालू परिवार बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक सामंत है।
'घड़ियाली आंसू बहा रहे'
इसी माह जीतन राम मांझी ने सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की बरसी पर लालू परिवार को घेरते हुए एक्स पर लिखा- चुनाव जो न करवाए। जिनके इंतकाल पर लालू यादव एंड कंपनी के मुंह से शोक का एक लफ्ज तक ना निकले आज वह उनकी बरसी पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
इसके पहले तेजस्वी पर टिप्पणी करे हुए मांझी कहा कि जब सरकार में उपमुख्यमंत्री थे तो ताड़ी पर प्रतिबंध लगाकर लाखों ताड़ के पेड़ को कटवा दिया। अब जब चुनाव का समय आ गया तो कंधे पर लबनी बांधकर कहते फिर रहे हैं कि ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाएंगे। जब प्रतिबंध हटाना ही था तो लगवाया क्यों?
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