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    Bihar Politics: आरक्षण के मुद्दे पर RJD फिर मुखर, नीतीश कुमार की JDU और चिराग पासवान को दे दी नसीहत

    Updated: Tue, 30 Jul 2024 05:41 PM (IST)

    Bihar Politics News Hindi बिहार में 65 प्रतिशत वाले आरक्षण कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने नीतीश कुमार की सरकार को झटका देते हुए 65 प्रतिशत वाले आरक्षण कानून पर रोक लगा दी है। इसको लेकर राजद ने आधिकारिक बयान जारी किया है। इसके साथ पार्टी ने नीतीश और चिराग पासवान को नसीहत दी है।

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    राजद ने चिराग पासवान और नीतीश कुमार को समझाई जिम्मेदारी

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics In Hindi बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू को आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर नसीहत दी है। इसके साथ ही राजद ने लोजपा रामविलास को भी जिम्मेदारी की याद दिलाई है। 

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    दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार में 65 प्रतिशत वाले आरक्षण कानून पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने इस कानून पर रोक लगा दी। पहले पटना हाई कोर्ट से भी इस मामले में नीतीश सरकार को झटका मिल चुका था।

    कोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने कहा कि आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसची में शामिल कराना जदयू (JDU) की नैतिक जिम्मेदारी है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी लोजपा रामविलास का भी दायित्व बनता है कि वह इस कार्य में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।

    राजद प्रदेश कार्यालय में हुआ प्रेस कांफ्रेंस

    राजद प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता चितरंजन गगन और मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि 1951 में संविधान में किए गए पहले संशोधन में नौवीं अनुसूची को जोड़ा गया था। इसमें शामिल कानूनों की न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है।

    उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की अनुशंसा लागू होने के बाद से ही लालू प्रसाद यादव देश में जाति जनगणना कराने और उसके अनुसार आरक्षण की सीमा का निर्धारण करने की मांग करते रहे हैं।

    प्रवक्ता ने आगे कहा कि पिछड़े वर्गों की पहचान कर उनके लिए विशेष अवसर देना है। राजद इन सवालों को सदन और सड़क पर उठाता रहा है।

    पहले हाई कोर्ट ने लगाई थी रोक 

    राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि जातीय गणना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर महागठबंधन सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, इबीसी और ओबीसी के लिए आरक्षण के सीमा को बढ़ाया गया।

    उच्च न्यायालय ने आरक्षण पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन देने से इनकार कर दिया गया है।

    राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी आज इस स्थिति में हैं कि वे यदि केन्द्र सरकार पर दबाव बनाते हैं तो बिहार आरक्षण को नौवीं अनुसूचि में शामिल कर लिया जाएगा।

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