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    Land For Jobs Scam: लालू यादव के खिलाफ चलेगा मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा, राष्ट्रपति ने दी अनुमति

    राष्ट्रपति ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। यह मामला रेलवे में नौकरी के बदले जमीन से जुड़ा है जिसकी जांच ईडी कर रही है। ईडी ने लालू तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। सीबीआई ने भी इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किए थे जिसमें 2004-2009 के बीच भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

    By Agency Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 08 May 2025 08:38 PM (IST)
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    लालू यादव के खिलाफ चलेगा मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा, राष्ट्रपति ने दी अनुमति

    एजेंसी, नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के खिलाफ रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।

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    आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि मुर्मु ने सीआरपीसी की धारा 197(1) या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत यह अनुमति दी है।

    ईडी ने पिछले साल दायर की थी चार्जशीट

    इस मामले की जांच ईडी ने की थी और एजेंसी ने पिछले वर्ष अगस्त में 76 वर्षीय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, उनके बेटे व राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य स्वजन के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।

    इससे पूर्व जनवरी 2024 में ईडी ने लालू के परिवार के कथित सहयोगी अमित कात्याल, पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख की पत्नी राबड़ी देवी, सांसद बेटी मीसा भारती, दूसरी बेटी हेमा यादव और दो सहयोगी कपंनियों एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपो‌र्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था।

    लालू पर लगा था भ्रष्टाचार का आरोप

    दिल्ली स्थित एक विशेष पीएमएलए अदालत ने इन दोनों आरोपपत्र का संज्ञान लिया था। यह मामला सीबीआई की उस एफआइआर से जुड़ा हुआ है, जिसमें तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू के ऊपर 2004-2009 के बीच भारतीय रेलवे में ग्रुप डी की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था।

    सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि रेलवे में नौकरी के बदले उम्मीदवारों या उनके स्वजन से रिश्वत के रूप में जमीन देने के लिए कहा गया था।

    यह जमीनें लालू प्रसाद के स्वजन के नाम पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पंजीकृत कराई गई थीं। सीबीआई ने भी इस मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए थे।

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