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    नाम के ही नहीं, काम के भी शालीन हैं डीआइजी 'शालिन'...जानिए क्यों हैं चर्चा में

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Fri, 12 Aug 2016 10:01 PM (IST)

    पटना के डीआइजी अपनी अनोखी कार्यशैली को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। चाहे सड़क-ुसुरक्षा हो या राजवल्लभ प्रकरण, अब स्कूली छात्राओं को आत्मसुरक्षा के गुर बता रहे हैं शालिन।

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    पटना [काजल]। जिनके नाम से बड़े-बड़े अपराधियों के पसीने छूटने लगते हैं, जो अपराधियों को किसी हाल में बख्शते नहीं, अपराध पर किसी भी हाल में काबू करने के लिए कृत-संकल्पित डीआइजी पटना, जो नाम के ही नहीं अपने काम के भी शालिन हैं आजकल फिर से पटना के स्कूलों में लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने को लेकर चर्चा में हैं।

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    2001 बैच के आईपीएस अफसर शालिन ने विधानसभा चुनाव के दौरान पटना (सेंट्रल रेंज) के डीआईजी के रूप में अपना पदभार संभाला था। उससे पहले भी वे वर्ष 2004 में पटना के सिटी एसपी रह चुके थे। एक दशक बाद फिर से पटना वापसी करने वाले शालिन ने कार्यभार संभालते ही घूसखोरी और जमीन विवाद में हेराफेरी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।

    उनका कहना था कि अफसर हों या जवान, काम के साथ ही पुलिस सबको बेहतर परफॉर्मेंस देनी होगी। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण या अन्य मामलों में किसी भी स्तर पर कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बेहतर प्लानिंग के साथ पूरी टीम को साथ लेकर कार्रवाई की जाएगी। उनके काम करने का स्टाइल ही उन्हें सबसे अलग बनाता है।

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    पीएम मोदी के एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) में रहे

    पटना के डीआइजी बनने से पहले शालीन स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिक्युरिटी में तैनात थे। गया के डीआईजी के पद पर तैनात रहे शालीन पटना के सिटी एसपी भी रह चुके हैं। उन्हें कुशल ऑफिसर माना जाता है।

    पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी दी सिक्युरिटी

    आईपीएस शालीन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सिक्युरिटी में भी तैनात थे। वे एसपीजी की सबसे अंदरूनी सिक्युरिटी घेरे में रहते थे। पीएम मोदी के विदेश दौरों में भी वे तैनात थे।

    एंटी टेररिज्म स्क्वाड में भी थे शालीन

    शालीन बिहार कैडर 2001 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। एसपीजी से लौटने के बाद वे बिहार एटीएस में भी रहे। वे बिहार के मुंगेर जिले में एसपी पद पर भी काम कर चुके हैं।

    लोगों को हेलमेट पहनने की आदत डलवा दी

    एक हादसे को देख डीआईजी (सेंट्रल रेंज) शालीन ने ठान ली थी कि लोगों को हेलमेट की आदत डलवा के रहूंगा। अब शहर की सड़कों पर बाइक-स्कूटी ड्राइविंग करते समय हेलमेट पहनना लोगों की आदत बन चुकी है। शायद ही कोई बिना हेलमेट बाइक या स्कूटी ड्राइविंग करते दिखेगा।

    5 दिसंबर 2015 की सुबह नालंदा के लिए निकले शालिन की नजर टोल प्लाजा के पास सड़क पर गिरे दो घायल स्कूली छात्रों पर पड़ी। सिर में चोट लगने से एक छात्र की स्थिति गंभीर थी। तत्काल अपनी गाड़ी से डीआईजी दोनों घायलों को नजदीक के अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान एक छात्र की मौत हो गई। दोनों स्कूली छात्र नाबालिग थे। अगर हेलमेट होती तो उसकी जान बच सकती थी।

    हादसे के बाद पटना लौटते ही 7 दिसंबर को डीआईजी ने ट्रैफिक पुलिस के एसपी व सभी डीएसपी के साथ मीटिंग करके सड़कों पर ‘बिना हेलमेट बाइक-स्कूटी ड्राइविंग, लहरिया कट और ट्रिपल लोडिंग’ के खिलाफ अभियान चलाने के आदेश दे दिए।

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    बिल्डरों और भू-माफियाओं पर कसी नकेल

    पटना में बिल्डरों और भू-माफियाओं पर नकेल कसते हुए उनकी सारी लंबित फाइलों को खुलवाया और उनपर कार्रवाई के आदेश दिए। इसमें बड़े-बड़े बिल्डरों की भी शामत आ गई। भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया। इस मामले में समीक्षा बैठक कर शालिन ने इसके लिए थानेदारों को भी जमकर फटकार लगाई और कई थानेदारों का तबादला कर दिया।

    डीआइजी ने बताया कि थाना पुलिस की सुस्ती के कारण जालसाज बिल्डरों और भू-माफियाओं को कोर्ट से राहत मिल जाती है और वे अपना गोरखधंधा जारी रखते हैं। ऐसे में थाना पुलिस की उनसे साठ-गांठ होने की बात से इन्कार नहीं किया जा सकता।

    राजवल्लभ प्रकरण में अहम भूमिका निभाई थी

    नाबालिग छात्र से दुष्कर्म के आरोपित नवादा के राजद विधायक राजवल्लभ यादव पर शालिन ने ही कठोर कार्रवाई करते हुए राजवल्लभ के हथियार, गाडि़यां और ठेकेदारी लाइसेंस सब जब्त करने के आदेश दिए थे।

    इसके साथ ही उन्होंने राजवल्लभ यादव की चल-अचल संपत्ति जब्त करने के भी आदेश दिए थे।

    डीआईजी ने अपने आदेश में कहा है कि राजवल्लभ के नाम जितने भी हथियार के लाइसेंस हैं, उनके नाम पर अगर खान व बालू निकालने का लाइसेंस है तो उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लाइसेंस रद्द किया जाए।

    स्कूल की लड़कियों को अात्मरक्षा के गुर सिखा रहे शालिन

    राजधानी पटना के कॉलेजों और स्कूली छात्राओं के साथ आये दिन हो रही छेड़खानी की घटनाओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से पुलिस विशेष अभियान चला रही है जिसकी कमान पटना के डीआइजी शालिन ने संभाल रखी है।

    शालिन ने थानेदारों को आदेश दिया है कि वे हर दिन का रिपोर्ट अपने-अपने डीएसपी को सौपेंगे।

    वहीं डीएसपी अपने क्षेत्र के सभी थानेदारों के साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाएंगे। डीआइजी ने पार्कों, कोचिंग सेंटरों, चौक-चौराहों, बाज़ारों व विभिन्न कॉलोनियों में भी सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात कही है।

    तीन अगस्त की घटना ने शालिन को झकझोरा

    तीन अगस्त की घटना के बाद स्थानीय लोगों के सामूहिक विरोध प्रदर्शन ने पुलिस की आंखें खोल दीं हैं।परिणाम यह हुआ कि पटना रेंज के डीआइजी शालिन ने खुद इस मुद्दे की कमान संभाल ली है। उसके बाद वे हर दिन एक गर्ल्स स्कूल में जाकर लड़कियों को अात्मरक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं जिससे लड़कियों का पुलिस पर और खुद पर विश्वास बढा है।

    क्या था मामला

    बख्तियारपुर में मवेशीहाट के पास तीन अगस्त को कोचिंग जा रही छात्रा को सुबह 6.30 बजे एक शादीशुदा युवक ने घेर लिया था और उसने छात्रा के साथ छेड़खानी की थी। विरोध करने पर उसे जमीन पर पटक दिया।सड़क पर हुई इस वारदात के दौरान आसपास के लोगों के विरोध करने पर युवक वहां से फरार हो गया।

    घटना के विरोध मेें अगले दिन जुलूस-प्रदर्शन निकाला गया। विरोध में बख्तियारपुर मार्केट बंद रहा। इसे लेकर लोगों ने प्रखंड मुख्यालय पर भी लोगों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस मामले में 354 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं आरोपित ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

    छेड़खानी की घटना को हल्के में न लें

    डीआइजी ने कहा कि छेड़खानी जैसी घटना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसे बड़ी आपराधिक घटना मानते हुए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस तरह की वारदात शर्म, संस्कार से युक्त कोई भद्र पुरुष नहीं करता है, बल्कि मानसिक विकृति के शिकार लोग ऐसा करते हैं, उनके खिलाफ चुप्पी ठीक नहीं।

    अभिभावकों को भी किया जागरूक

    डीआइजी शालिन ने छात्राओं व उनके अभिभावकों से अनुरोध किया कि लोक-लाज के डर से ऐसी वारदात को दबा कर नहीं रखें, बल्कि पुलिस प्रशासन के संज्ञान में दें। उन्होंने आश्वासन दिया कि सख्त कार्रवाई होगी, अगर इसमें ढिलाई बरती गयी, तो थानेदार हों या कोई पुलिसकर्मी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने

    छात्राओं से कहा कि वे फोन पर एसएमएस व व्हाट्सएप के जरिये भी सूचना दे सकती हैं।

    डीआइजी ने कहा कि पुलिस हर कदम पर छात्राओं व अभिभावकों के साथ है। किसी भी हालत में अन्याय को बरदाश्त नहीं करें, इससे समस्या बढ़ती है।

    लड़कियों से कहा- विरोध करना सीखो

    स्कूली छात्राओं की शिकायत सुनने के बाद पटना सेंट्रल रेंज के डीआइजी शालिन ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पुलिस बल में अब एक तिहाई पद लड़कियों से भरा जायेगा. इसलिए आप भी पढ़ाई कर आगे पुलिस सेवा में जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज अगर स्कूली लाइफ में छात्राएं मनचले लड़कों का जम कर विरोध नहीं कर पायेंगी, तो पुलिस की नौकरी मिलने के बाद भी उस समय भी गलत काम का विरोध नहीं कर सकेंगी।