Railway News: 124 किलोमीटर लंबा किऊल-गया ट्रेन रूट तैयार, 120 KM प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें
किऊल-गया रेलखंड के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। यहां पर 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। इस 124 किलोमीटर लंबे रेलखंड पर 32 बड़े और 304 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है। इस परियोजना से क्षेत्र के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और बिहारवासियों के साथ-साथ दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्रा करने वाले अन्य राज्यों के यात्रियों को भी लाभ होगा।

जागरण संवाददाता, पटना। दानापुर मंडल के किऊल-गया दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत लगभग 17 किमी लंबे नव-दोहरीकृत नवादा-तिलैया रेलखंड का निरीक्षण बुधवार को संरक्षा आयुक्त (रेलवे), पूर्वी सर्किल सुवोमोय मित्रा ने किया।
नवादा और तिलैया के मध्य नवनिर्मित दोहरीलाइन एवं पुल-पुलिया तथा नवादा और तिलैया स्टेशन के मध्य स्टेशन भवन, पैनलरूम, रिले रूम एवं आइपीएस रूम का निरीक्षण किया गया।
संरक्षा आयुक्त (रेलवे) द्वारा विशेष ट्रेन से नवादा से तिलैया के मध्य 120 किमी प्रति घंटा की गति से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल भी किया गया। संरक्षा आयुक्त की अनुमति प्राप्त होते ही नव-दोहरीकृत रेलखंड पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो जाएगा।
इस अवसर पर दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक जयंत कुमार चौधरी सहित निर्माण विभाग तथा दानापुर के उच्चाधिकारीगण भी उपस्थित थे।
इस रूट पर ये है मुख्य स्टेशन
किऊल एवं गया पूर्व मध्य रेल के दानापुर एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय मंडल का प्रमुख स्टेशन है। यह रेल खंड ग्रैंडकॉर्ड एवं मेन लाइन के यातायात दबाव को भी कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसकी महत्ता को देखते हुए 124 किमी लंबे किऊल-गया रेलखंड का दोहरीकरण 1200 करोड़ रुपये की लागत से वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रदान की गई थी।
इस परियोजना के पूरा हो जाने से किऊल-गया रेलखंड में ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी और क्षेत्र के औद्योगिक विकास में गति आएगी। किऊल-गया के दोहरीकरण से लखीसराय, शेखपुरा, नवादा एवं अन्य जिलों के विकास में और गति आएगी। इसका लाभ बिहारवासियों को तो मिलेगा ही साथ ही दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्रा करने वाले अन्य प्रदेश के यात्री भी लाभंवित होंगे।
दोहरीकरण परियोजना को कई चरणों में पूरा किया गया है। पहले चरण में दिसंबर 2019 में मानपुर-वजीरगंज रेलखंड का कार्य पूर्ण करते हुए परिचालन के लिए खोला गया।
इसके उपरांत विभिन्न चरणों में दोहरीकरण कार्य पूर्ण करते हुए वजीरगंज-तिलैया रेलखंड को सितंबर 2022 में, किऊल-शेखपुरा को फरवरी 2023 में, शेखपुरा-काशीचक को सितंबर 2023, काशीचक-वारिसलीगंज रेलखंड को जनवरी 2024 तथा वारिसलीगंज-नवादा रेलखंड को जुलाई 2024 में परिचालन के लिए खोला जा चुका है।
इस दोहरीकरण परियोजना के तहत कुछ नयेे यार्डों का भी निर्माण किया गया है जिनमें पैमार, नवादा, सिरारी, वजीरगंज, करजारा, करौटा पटनेर, काशीचक, शेखपुरा, वारसलिगंज एवं मानपुर आदि प्रमुख हैं। किऊल और गया के मध्य 124 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड में 32 बड़े तथा 304 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है। यह जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सरस्वती चंद्र ने दी।
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