Bihar Politics: जगदानंद का वर्क फ्रॉम होम फिर शुरू, राजद कार्यालय में हरे रंग की टोपी हुआ अनिवार्य
आरजेडी में सबकुछ सही नहीं चल रहा है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जगदानंद सिंह ऑफिस आने के बजाय फिर से घर से ही काम करना शुरू कर दिया है। वह सीसीटीवी से कार्यालय की गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। इस बीच एक बात और सामने आई है कि दफ्तर में हरी टोपी लगाने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ गई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद अब फिर वर्क फ्रॉम होम करने लगे हैं। प्रदेश कार्यालय में सीसीटीवी है और उसी के माध्यम से कार्यालय की गतिविधियों पर वे नजर रख रहे हैं। निर्देश दे रहे हैं। इसका असर यह पड़ा है कि राजद के प्रदेश कार्यालय में हरे रंग की टोपी पहननेवालों की संख्या बढ़ गई है।
आरजेडी ने पदधारकों के लिए हरे रंग की टोपी को अनिवार्य बना दिया
राजद ने पदधारकों के लिए हरे रंग की टोपी को अनिवार्य बना दिया है। यह कंधे के गमछे का विकल्प है। पार्टी को हरे गमझे से दबंगई की शिकायत मिल रही थी।
शिकायत यह कि नेता-कार्यकर्ता गमछा का मुरेठा बांध लेते हैं। इससे आम लोगों के जेहन में राजद के राजपाट के दिनों की पुरानी छवि बनने लगती है।राजद इस छवि से बचना चाहता है।
जगदानंद के पुत्र चुनाव में हार गए थे
पिछले साल नवंबर में चार विधानसभा क्षेत्रों में हुए उप चुनाव में रामगढ़ सीट पर राजद की हार हो गई थी। इसके कुछ दिन बाद ही जगदानंद सिंह ने प्रदेश कार्यालय आना छोड़ दिया था। रामगढ़ राजद और जगदानंद की परंपरागत सीट मानी जाती है। जगदानंद के पुत्र अजित सिंह उप चुनाव में राजद के उम्मीदवार थे और वे हार गए।
इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष की आलोचना हुई। दबी जुबान से कहा जाने लगा कि जगदानंद के पुत्र के बदले दूसरे को उम्मीदवार बनाया गया होता तो पार्टी जीत सकती थी।
उन्हीं दिनों जगदानंद ने स्वास्थ्य कारणों से कार्यालय आना छोड़ दिया। बीच के कुछ दिनों तक वे घर से कार्यालय का कामकाज देखते थे। लेकिन, पिछले तीन महीने से वह भी बंद कर दिया था।
तेजस्वी और लालू के आग्रह पर फिर से वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया
सूत्रों के अनुसार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के आग्रह पर जगदानंद ने फिर काम शुरू कर दिया है। अभी यह वर्क फ्राम होम चल रहा है। लेकिन, जल्द ही वे कार्यालय भी आ सकते हैं।
जून तक अध्यक्ष हैं जगदानंद सिंह
राजद के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव तीन साल पर होता है। जगदानंद का अभी वाला कार्यकाल जून के दूसरे सप्ताह में समाप्त होने जा रहा है। प्रारंभिक इकाइयों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 17 मई को निर्वाची और उप निर्वाची अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है।
जून के दूसरे सप्ताह में ही तय होगा कि जगदानंद को अगला कार्यकाल मिलता है या नहीं? संभावना यह है कि उन्हें इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष पद पर बनाकर रखा जाए। चुनाव के बाद नए अध्यक्ष का चयन होगा।
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