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    IPS Aditya Kumar: बिहार में आईपीएस आदित्य कुमार को एक और झटका, गृह विभाग से जारी हुआ नया नोटिफिकेशन

    Updated: Sat, 05 Apr 2025 08:26 PM (IST)

    IPS Aditya Kumar बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को एक बार फिर झटका लगा है। डीजीपी को हाईकोर्ट जज के नाम पर फर्जी कॉल कराने के आरोपों में घिरे आदित्य कुमार का निलंबन छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है। अब उनकी निलंबन अवधि दो अक्टूबर तक रहेगी। गृह विभाग से नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है।

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    आइपीएस आदित्य कुमार को राहत नहीं, अक्टूबर तक बढ़ा निलंबन

    राज्य ब्यूरो, पटना। डीजीपी को हाईकोर्ट जज के नाम पर फर्जी काल कराने के आरोपों से घिरे आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार का निलंबन एक बार फिर लगभग छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है। गृह विभाग ने उनकी निलंबन अवधि को दो अक्टूबर तक विस्तारित कर दिया है।

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    बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अक्टूबर, 2022 में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।

    इसके बाद पांच बार उनके निलंबन की समीक्षा कर अवधि विस्तार किया गया है। इस दौरान उच्चतम न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद आत्मसमर्पण करने पर वह पांच दिसंबर 2023 से 25 अप्रैल 2024 तक वह बेउर जेल में भी रहे।

    जमानत पर मुक्त होने के बाद उन्होंने वापस मुख्यालय में अपना योगदान दिया है। वर्तमान में आदित्य कुमार के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही कोर्टट में चल रही है, जिस कारण उनकी निलंबन अवधि को बढ़ाने का आदेश जारी किया गया है।

    आईपीएस के मुख्य कार्य

    भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) भारत की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण नौकरियों में से एक है। आईपीएस अधिकारी देश की कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    आईपीएस बनने के लिए उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है, जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती है।

    आईपीएस अधिकारियों को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया जाता है, जैसे कि एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर), डीएसपी (डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस), एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) और आईजी (इंस्पेक्टर जनरल)। उनकी जिम्मेदारियों में अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था बनाए रखना, यातायात प्रबंधन और समुदाय के साथ समन्वय करना शामिल है।

    आईपीएस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। उन्हें अपने काम में उच्च स्तर की ईमानदारी, निष्पक्षता और पेशेवरता बनाए रखनी होती है। आईपीएस सेवा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।

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