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    KK Pathak News: केके पाठक के विभाग का एक और बड़ा फैसला, स्कूलों का प्रदर्शन हुआ कमजोर तो...

    KK Pathak News बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से लगातार नए फैसले लिए जा रहे है जिससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव आ सके। इस बीच पढ़ाई के स्तर पर कमजोर विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम बनाया गया है। शिक्षा विभाग की टीम सरकारी स्कूलों के प्रदर्शन पर नजर रखेगी।

    By Dina Nath Sahani Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 29 Apr 2024 11:45 PM (IST)
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    KK Pathak: केके पाठक के विभाग का एक और बड़ा फैसला, स्कूलों का प्रदर्शन हुआ कमजोर तो... (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। KK Pathak News राज्य में स्कूली शिक्षा में सुधार लाने में जुटा शिक्षा विभाग ने पढ़ाई के स्तर पर कमजोर विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम भी बनाया है। जुलाई से इस कार्यक्रम पर अमल होगा। इसके लिए विभागीय टीम द्वारा शिक्षकों के प्रशिक्षण के साथ ही स्कूलों के प्रदर्शन पर भी निगाह रखी जाएगी।

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    इसका बड़ा फोकस कमजोर प्रदर्शन वाले विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने पर होगा। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए कई मानकों पर काम हो रहा है। विद्यालयों में निरीक्षण से जुड़ी रिपोर्ट के आधार पर कमजोर प्रदर्शन वाले विद्यालयों को चिन्हित भी किया जा रहा है।

    शिक्षा विभाग के अफसरों द्वारा हर कार्य दिवस में विद्यालयों के निरीक्षण में मिशन दक्ष कार्यक्रम के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की जा रही है। इस क्रम में प्रत्येक विद्यालय में संचालित विशेष कक्षाओं का मूल्यांकन भी किया जा रहा है। इसमें बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके सीखने की क्षमता विकास का अध्ययन कराया जा रहा है। प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों द्वारा बच्चों को पुस्तकालय का लाभ लेने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।

    जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को मिलेगी मजबूती

    शिक्षा विभाग के मुताबिक जिन स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर रहेगा, उन स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के माध्यम दिया जाएगा, जिन्हें केंद्र सरकार के निर्देश के आलोक में वाइब्रेंट एक्सीलेंस संस्थान के रूप तैयार किया जा रहा है।

    शिक्षकों को यह प्रशिक्षण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनाए जाने वाले सभी नवाचारों व मानकों के आधार पर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, प्रत्येक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में विद्या समीक्षा केंद्र के नाम से एक मॉनीटरिंग सेंटर भी स्थापित होगा।

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