Digital Arrest: दोस्त की आवाज निकालकर कैसे होती है ठगी? 10 सेकंड में पूरा अकाउंट खाली; सन्न रह जाएगा दिमाग
Cyber Fraud कोई अनजान नंबर से कॉल आती है और सामने वाला खुद को रिश्तेदार या परिचित बताकर उन्हीं की आवाज में बात कर ऑनलाइन राशि भेजने को कहता है तो सावधान हो जाएं। यह ठगी का एक आम तरीका है। कई बार ठग दूर के रिश्तेदार या दोस्त के नाम पर भी फोन करते हैं। मोबाइल पर किसी भी तरह की वित्तीय लेनदेन से बचें।
जागरण संवाददाता, पटना। Cyber Fraud in Bihar: अगर आपके पास भी अंजान नंबर से काल आता है और सामने वाला खुद को रिश्तेदार या परिचित बताकर उन्हीं की आवाज में बात कर ऑनलाइन राशि भेजने को कहता है तो सावधान रहें। हो सकता है आप ठगी के शिकार हो जाएं।
कई बार ठग दूर के रिश्तेदार या दोस्त के नाम पर भी फोन करते है। हाल के दिनों में इस तरह के आधा दर्जन से अधिक मामले साइबर थाने में आ चुके है।
इसमें अधिकांश ऐसे मामले हैं, जिसमें ठग पेमेंट नहीं होने का हवाला देते हुए पीड़ित के खाते में पैसे भेजकर उस रकम को दूसरे खाते में भेजने की गुहार लगाते है। पीड़ित के मोबाइल पर भेजे गए मैसेज में पैसा ट्रांसफर का जिक्र होता है, लेकिन खाते में पैसा नहीं आता।
ऐसे में अंजान नंबर से आने वाली कॉल को सावधानी से उठाएं। बिना सोचे-समझे भरोसा न करें। किसी भी इमरजेंसी कॉल पर तुरंत भरोसा न करें और भरोसा करने से पहले उसकी जांच करें।
आवाज पर यकीन कर खा गए धोखा
पत्रकारनगर निवासी युवक के पास 20 दिसंबर को अंजान नंबर से फोन आया। उसकी आवाज उनके मित्र के रिश्तेदार से मिल रही थी। उन्होंने बताया कि उनके कोई नजदीकी अपोलो हास्पिटल में है। सर्जरी होनी है। उसके लिए वह अपने पास से पेमेंट भेज रहे हैं, लेकिन जा नहीं रहा है। आग्रह किया कि अपने पास से पेमेंट कर दें।
बातचीत में उसने पहले उन्हें 10 रुपया भेजा और कहा कि अकाउंट चेक करिए। 10 रुपया मिलने का मैसेज आया था। इसके बाद 1.80 लाख रुपये खाते में ट्रांसफर होने का मैसेज आया। पीड़ित मैसेज देख ठग के खाते में अपने वॉलेट और खाते से 1.50 लाख ट्रांसफर कर दिया।
बाद में जब अपना खाता चेक किए तो खाते में पैसे नहीं आए थे, बल्कि वह पैसा दूसरे किसी के खाते में गया था। तब उन्हें संदेह हुआ और अपने दोस्त के रिश्तेदार को फोन किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने कोई कॉल नहीं की थी इसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ और साइबर थाने में केस किया।
पुराना सहकर्मी बनकर की बात
शास्त्रीनगर निवासी युवक के पास अंजान नंबर से फोन आया। बोला भाई साहब कैसे है? उन्होंने कहां माफ करिए हम आपको नहीं पहचान रहे। उसने कहा कि गलती से फोन घर छूट गया है और मैं आपका पुराना सहकर्मी बोल रहा हूं। आवाज सुनकर उन्हें लगा कि वह सहकर्मी ही बोल रहा है।
फिर ठग ने बताया कि वह मुसीबत में है और हास्पिटल में है। यहां आपरेशन के लिए 40 हजार जमा करना है। आप अपना यूपीआई नंबर बताएं जिस पर मैं पैसा भेज रहा हूं। आप सीधे हास्पिटल में पेमेंट कर दीजिए। ठग ने उनके मोबाइल पर दस रुपया, फिर दस हजार और 30 हजार उनके खाते में भेजने का फर्जी मैसेज भेजा।
वह बिना खाता चेक किए मैसेज पर भरोसा कर ठग के खाते में 27 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया। बाद में पता चला कि उनके खाते में रकम नहीं, बल्कि सिर्फ पैसे भेजने का मैसेज आया था।
परिचित बनकर की 21 हजार की ठगी
खगौल निवासी युवक के पास रात में अंजान नंबर से फोन आया। उसने परिचित का नाम लिया और हालचाल लेते हुए बातचीत करने लगा। फिर बोला कि मैने किसी को पैसा दिया था, लेकिन वह नहीं दे रहा था। अब वह पैसा देना चाहता है, लेकिन मेरे मोबाइल में गूगल पे नहीं है। आप अपना नंबर भेज दे दीजिए।
इसके कुछ देर बाद ही उनके मोबाइल नंबर पर 25 हजार रुपये भेजने का मैसेज आया। ठग फोन पर बातचीत कर रहा था और बोला कि मैंने पैसा भेजवा दिया है। आप उस पैसे को एक क्यूआर कोड भेज रहा हूं, उस पर ट्रांसफर कर दीजिए। उन्हें लगा कि उनके खाते में 25 हजार आया है।
वह मैसेज देख ठग द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड पर 21 हजार भेज दिए। बाद में जब वह बैलेंस चेक किए उनके खाते में पैसा आया ही नहीं था।
इस तरह के साइबर फ्रॉड से कैसे बचें
- अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स पर सावधानी से प्रतिक्रिया दें।
- किसी भी इमरजेंसी कॉल पर तुरंत भरोसा न करें।
- अगर कोई आपको दोस्त या रिश्तेदार की आवाज में बात करता है, तो पहले उनकी पहचान की पुष्टि करें।
- किसी भी ऑनलाइन लेनदेन से पहले दो बार सोचें।
- अगर आपको लगता है कि आप ठगी का शिकार हो सकते हैं, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें।
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