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    बिहार में डिजिटल अरेस्ट का बढ़ा खौफ, थाने पहुंचीं 300 शिकायतें; 10 करोड़ की ठगी के बाद लोगों से सावधान रहने की अपील

    Updated: Wed, 20 Nov 2024 02:29 PM (IST)

    Digital Arrest Case बिहार में डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लगभग 300 मामलों में दस करोड़ रुपये की ठगी हुई है जिसके बाद बिहार पुलिस को नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए 300 शिकायतें मिली हैं। आर्थिक अपराध इकाई ने समय पर सूचना मिलने पर 1.5 करोड़ रुपये की राशि को होल्ड कराया है¹।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी से जुड़े करीब 300 मामले सामने आए हैं, जिससे करीब दस करोड़ की ठगी की गई है। साइबर अपराध का लेखा-जोखा रखने वाले नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के जरिए बिहार पुलिस को डिजिटल अरेस्ट की 300 शिकायतें मिली हैं।

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    आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अनुसार, समय पर सूचना मिलने पर करीब 1.5 करोड़ की राशि को होल्ड कराया गया है। डिजिटल अरेस्ट को लेकर सभी जिलों के साइबर थानों एवं अन्य संस्थानों से समन्वय कर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

    ईओयू ने डिजिटल अरेस्ट जैसी बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आम लोगों को सचेत भी किया है। ईओयू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई भी सरकारी एजेंसी आधिकारिक संचार के लिए वाट्सएप या स्काइप जैसे प्लेटफार्म का उपयोग नहीं करती है।

    ध्यान रखने वाली बात

    इसके अलावा पहचान पत्र, एफआइआर की प्रति, गिरफ्तारी वारंट भी ऑनलाइन साझा नहीं किया जाता है। अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसे कॉल आते हैं तो घबराएं नहीं।

    पहले सूचनाओं का सत्यापन करें और संदेहास्पद लगने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर सूचित कर अपने नजदीकी थाना या साइबर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराएं।

    यहां करें शिकायत

    • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) या टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।

    शेयर ट्रेडिंग के नाम पर युवक से 1.05 करोड़ की ठगी

    उधर, झारखंड के देवघर में शेयर ट्रेडिंग के नाम पर एक युवक से एक करोड़ पांच लाख रुपये की ठगी कर लिए जाने की शिकायत की गई है। ठगी का शिकार युवक रवि कुमार सिंह मूल रूप से सीमावर्ती बिहार के जमुई जिला के चकाई थाना क्षेत्र का रहने वाला है।

    वर्तमान में वह जसीडीह थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव में घर बनाकर रहता है। वह मुंबई में एक एमएनसी कंपनी में काम करता है। उसे एक फोन आया था। उसके बाद उसे शेयर ट्रेडिंग में पैसा लगाने का झांसा दिया गया। वह इस झांसा में फंस गया। उसके बाद उसने पैसा लगाना शुरू किया।

    पहले उसने पैसा लगाया और उसे पैसा वापस भी मिला। लालच में पड़कर वह अधिक पैसा लगाने लगा। लेकिन बाद में उसे पैसा मिलना बंद हो गया। उसने फोन से संपर्क किया तो भी कोई जबाव नहीं मिला। उसके बाद उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है। पीड़ित ने घटना की आन लाइन शिकायत की है।

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