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    Bihar Politics: 'तुम्हारे पिता को हम ही बनाए थे...', सदन में जमकर हुई नोकझोंक; CM नीतीश ने तेजस्वी को खूब सुनाया

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 04:53 PM (IST)

    बिहार विधानसभा में नेताओं के बीच जमकर नोकझोंक हुई। सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस देखने को मिली। नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को याद दिलाया कि उन्होंने उनके पिता को मुख्यमंत्री बनाया था और उनकी जाति के लोगों ने भी उनसे सवाल किया था। नए बयान से सियासत तेज हो गई है।

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    बिहार के सीएम नीतीश कुमार। फाइल फ़ोटो

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा में नेताओं के बीच जमकर नोकझोंक हुई। सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली। 

    नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार में क्या था? बिहार में छह सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल थे।  उसे हमने बढ़ाया। तुम्हारे (तेजस्वी यादव) पिता को मैंने ही बनाया है। तुम्हारी जाति के लोग भी मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, लेकिन मैंने फिर भी उनका समर्थन किया। 

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    नीतीश कुमार ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि ये लोग (राजद) उस समय (लालू राज) गड़बड़ कर रहे थे। ये लोग पिछड़ा-अति पिछड़ा को बंद करके केवल पिछड़ा करना चाहते थे, जिसका हमने विरोध किया। हमने कहा कि यह सब फालतू बात है। इस वजह 1994 में हम अलग हो गए।

    सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि बिहार में पहले शाम के बाद कोई घर से नहीं निकलता था। अब रात के 11 बजे तक चाहे लड़का हो या लड़की या महिला ही क्यों न हो सब बाहर निकलते हैं। हमने हर क्षेत्र में काम किया है।

    दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव ने भी सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने में जुटी है।

    कंफ्यूजड रहा राज्यपाल का अभिभाषण

    • तेजस्वी ने आगे कहा कि ये बात किसी से छुपी नहीं है कि इस बार राज्यपाल का अभिभाषण बहुत ही कंफ्यूजड रहा। 2015 से 2025 यानी कि 10 साल में देखा जाए तो बिहार में 5-5 राज्यपाल बने हैं।
    • उन्होंने कहा कि 2020-2025 तक तीन बार बिहर में सरकार बदली है। अब तक सभी राज्यपाल का अभिभाषण एक जैसा था।
    • अब राज्यपाल 2005 या 2010 या वह हमारा 2015 में जो हमारी उपलब्धियां वो अभिभाषण में पढ़ रहे थे या 2017 या 2024 का अभिभाषण पढ़ रहे थे।
    • इस बार के अभिभाषण में हमारे भी उपलब्धियों को पढ़ा गया तो इस बार का अभिभाषण बड़ा ही कंफ्यूजड रहा। बजट अलग था लेकिन इस बार के अभिभाषण में हमारी कई उपलब्धियों को गिनवाया गया। 

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