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    Bihar News: नीतीश सरकार ने राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को किया भंग, सामने आई बड़ी वजह

    Updated: Wed, 01 Jan 2025 08:28 PM (IST)

    Bihar News In Hindi बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को राज्य सरकार के विधि विभाग द्वारा भंग कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने पर्षद के कार्यों को नियमित रूप से संचालित करने के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति भी की है। यह कदम धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।

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    बिहार के सीएम नीतीश कुमार। फाइल फ़ोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। राज्य सरकार के विधि विभाग ने बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को भंग कर दिया है। साथ ही पर्षद के कार्यों के नियमित संचालन के लिए सरकार ने प्रशासक बहाल कर दिया। विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पर्षद में कार्य संपादन ठीक से नहीं हो पा रहा था।

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    इस कारण सरकार ने इसे भंग करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही विभाग के सचिव सह विधि परामर्शी अंजनी कुमार सिंह को प्रशासक नियुक्त किया है। नए प्रशासक ने पर्षद कार्यालय जाकर पदभार संभाल लिया है। साथ ही कर्मचारियों को बेहतर कार्य करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

    2021 में किया गया था वर्तमान बोर्ड का गठन

    • वर्तमान में कार्यरत बोर्ड का गठन दो जनवरी 2021 में किया गया था। अखिलेश कुमार जैन को पर्षद का अध्यक्ष बनाया गया था। अध्यक्ष के अलावा 11 सदस्यीय पर्षद का गठन किया गया था।
    • पर्षद पर राज्य के मंदिरों के बेहतर तरीके से संचालन का दायित्व सौंपा गया था। जारी पत्र में कहा गया है कि बोर्ड दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पाया, जिससे सरकार को भंग करने का आदेश देना पड़ा।

    48 सौ से अधिक मंदिर हैं बोर्ड से पंजीकृत

    वर्तमान में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से 48 सौ से ज्यादा मठ-मंदिर पंजीकृत हैं। इन मंदिरों की संपत्तियों की देखरेख एवं संचालन की जिम्मेदारी बोर्ड पर है।

    वर्तमान में राजधानी के पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर, पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर, बड़ी एवं छोटी पटनदेवी मंदिर, बांसघाट काली मंदिर, मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीब नाथ मंदिर, कैमूर स्थित मां मुंडेश्वरी भवानी मंदिर, दरभंगा स्थित मां श्यामा मंदिर, गया स्थित विष्णुपद मंदिर, देव स्थित सूर्य मंदिर सहित कई प्रमुख मंदिर बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से पंजीकृत हैं।

    मंदिरों की संपत्ति की बिक्री को लेकर बढ़ रहा विवाद

    बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के समक्ष मंदिरों का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। अधिकांश विवाद मंदिरों की संपत्ति को लेकर हो रहा है।

    धार्मिक न्यास पर्षद के कानून के अनुसार, राज्य के किसी मठ-मंदिर की संपत्ति की बिक्री नहीं की जा सकती है, परंतु मंदिरों की संपत्ति की बिक्री की शिकायत आए दिन पर्षद कार्यालय में आती रहती है।

    आचार्य किशोर कुणाल ने बनाया मंदिर को समाज सेवा का माध्यम

    गौरतलब है कि अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध पुलिस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल ने मंदिर के माध्यम से समाज सेवा का व्रत लेकर लोगों का दिल जीत लिया।

    वे लंबे समय तक पुलिस अधिकारी रहे। उसके साथ ही उन्होंने पटना स्टेशन स्थित महावीर मंदिर के जीर्णोद्धार की कमान संभाली और अपने कुशल प्रबंधन से अस्पतालों का निर्माण कर लाखों लोगों को जीवनदान दिया।

    वर्तमान में महावीर मंदिर के तत्वावधान में राजधानी में कैंसर के मरीजों के लिए महावीर कैंसर संस्थान, सामान्य मरीजों के लिए महावीर आरोग्य संस्थान एवं बच्चों के लिए महावीर वात्सल्य अस्पताल का संचालन किया जा रहा है।

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