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    KK Pathak: केके पाठक की शिकायत करने नीतीश कुमार के पास पहुंचा शिक्षक संघ, अपर मुख्य सचिव पर लगाए गंभीर आरोप

    Updated: Sun, 14 Apr 2024 04:08 PM (IST)

    Bihar News in Hindi बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष कन्हैया बहादुर सिन्हा और महासचिव संजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। महासंघ के अधिकारियों ने सीएम को लिखे पत्र में विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन व सेवानिवृत्त अध्यापकों और कर्मियों समेत उनके आश्रितों को पेंशन भुगतान सुनिश्चित कराने की मांग की है।

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    केके पाठक की शिकायत करने नीतीश कुमार के पास पहुंचा शिक्षक संघ।

    राज्य ब्यूरो, पटना। पिछले तीन माह से वेतन-पेंशन भुगतान के लिए तरस रहे राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी है।

    बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाब) के कार्यकारी अध्यक्ष कन्हैया बहादुर सिन्हा और महासचिव व विधान पार्षद संजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और शिक्षकों तथा कर्मचारियों को वेतन और सेवानिवृत्त अध्यापकों तथा कर्मियों समेत उनके आश्रितों को पेंशन भुगतान सुनिश्चित कराने की मांग की है।

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    महासंघ ने अपने पत्र में क्या कहा?

    शिक्षक महासंघ फुटाब ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से शिक्षा विभाग द्वारा राज्यपाल एवं कुलाधिपति के अधिकारों को दी जा रही चुनौती की भी चर्चा की है।

    महासंघ ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा लगातार राजभवन के अधिकारों को चुनौती दी जा रही है।

    महासंघ ने कहा कि 12 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव द्वारा राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू को लिखे पत्र ने सारे हद पार करते हुए राज्यपाल व कुलाधिपति की जितनी अवमानना की है, ऐसे अधिकारी को एक क्षण भी शिक्षा विभाग में रखना उचित नहीं है।

    जनता में जा रहा गलत संदेश: फुटाब

    शिक्षक महासंघ ने कहा कि संवैधानिक पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति की अवमानना करने की छूट देना, जनता में सरकार के प्रति गलत संदेश दे रहा है।

    महासंघ ने कहा कि पत्र में कुलाधिपति को कुलसचिव और अन्य अधिकारियों के समकक्ष बताया गया है। जबकि कुलपति से लेकर सभी अधिकारियों की नियुक्ति कुलाधिपति द्वारा की जाती है।

    शिक्षक महासंघ ने कहा कि कुलाधिपति विश्वविद्यालय के सर्वोच्च अधिकारी के साथ-साथ अधिनियम, परिनियम के संरक्षक और अध्यादेश, विनिमय का भी अनुमोदन करते हैं। तभी कोई पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय में लागू होता है। निरीक्षण और एकेडमिक एवं प्रशासनिक संबंधित कोई भी आदेश दे सकते हैं।

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