Ayushman Card: जल्दी करें! इस तारीख तक फ्री में बनेगा आयुष्मान कार्ड, मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा
10 दिसंबर तक मुफ्त में आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। कार्ड बनने के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख तक के सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी। यदि किसी नागरिक को अपना आधार कार्ड बनवाने में दिक्कत हो रही है तो वह फोन कर इस संबंध में जानकारी ले सकता है। विभाग ने इसके लिए टॉल-फ्री नंबर 104 और 14555 जारी किया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग प्रधानमंत्री जन आरोग्य और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान के तहत 10 दिसंबर तक मुफ्त हेल्थ कार्ड का निर्माण कार्य करेगा। विभाग फिलहाल 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों और छूटे हुए राशन कार्डधारियों का हेल्थ कार्ड बना रहा है। कार्ड बनने के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख तक के सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, यदि किसी नागरिक को अपना आधार कार्ड बनवाने में दिक्कत हो रही है तो वह फोन कर इस संबंध में जानकारी ले सकता है। विभाग ने इसके लिए टॉल-फ्री नंबर 104 और 14555 जारी किया है। नागरिक को कार्ड बनाने के संबंध में इन नंबरों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में अब तक 3.60 करोड़ 40 हजार लोगों को आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा दी गई है। मरीजों के इलाज पर कुल 6.86 करोड़ से अधिक खर्च किया गया है।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य के कुल 1039 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में दिया जा रहा है। जिन अस्पतालों को योजना के लिए चयन किया गया है उनमें 587 सरकारी जबकि 452 निजी अस्पताल शामिल हैं। सर्वाधिक अस्पताल पटना जिले में सूचीबद्ध किए गए हैं। हालांकि, ज्यादा मरीजों का इलाज मुजफ्फरपुर में किया जा रहा है। बता दें कि आयुष्मान कार्ड धारकों को हड्डी टूटने, डायलिसिस, मानसिक रोग, आंखों के आपरेशन, नवजात शिशु के इलाज, महिला एवं प्रसूति व यूरोलाजी सहित इमरजेंसी और भर्ती कराने से लेकर सर्जरी तक में मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है।
आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों के सत्यापन में सुस्ती, विभाग सख्त
प्रदेश के 38 में 33 जिलों में संचालित करीब 790 निजी अस्पताल ऐसे हैं जहां अब तक सत्यापन नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज प्रभावित हो रहा है। जिलों की इस सुस्ती को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबंधित जिलों के सिविल सर्जन और स्वास्थ्य पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, निजी स्वास्थ्य संस्थानों को आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है और इन्हें इस आधार पर आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज की सुविधा देनी है। परंतु जिलों में तैनात सत्यापन पदाधिकारियों की सुस्ती की वजह से अस्पतालों की सही प्रकार से जांच नहीं हो रही। जिसके बाद जिलों को कड़ाई से सत्यापन कार्य प्राथमिकता में करने के निर्देश दिए गए हैं।
विभाग के अनुसार पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण में दो समेत दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, वैशाली, पटना, मुजफ्फरपुर, अररिया, जमुई, रोहतास, जहानाबाद समेत अन्य जिलों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
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