Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Railway Claim Scam: एक्शन में ED, रेलवे क्लेम स्कैम में 8 करोड़ से अधिक की 24 संपत्तियां जब्त; बढ़ेंगी मुश्किलें

    Updated: Sun, 23 Mar 2025 08:44 PM (IST)

    ईडी ने पटना रेलवे दावा न्यायाधिकरण घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत 8 करोड़ से अधिक की 24 संपत्तियां जब्त कर ली हैं। ईडी ने रेलवे के अज्ञात लोक सेवकों विद्यानंद सिंह परमानंद सिन्हा सहित अन्य के खिलाफ मृत्यु दावा मामलों में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरतने और आपराधिक मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी।

    Hero Image
    रेलवे क्लेम स्कैम में 8 करोड़ से अधिक की 24 संपत्तियां जब्त। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पटना रेलवे दावा न्यायाधिकरण घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आठ करोड़ से अधिक की 24 संपत्तियां जब्त कर ली हैं।

    इसके साथ ही इस मामले में आरोपितों को दोषी ठहराने की मांग को लेकर कोर्ट में अभियोजन शिकायत भी दायर की है।

    इन्हें दोषी ठहराने की ईडी ने की मांग

    प्रवर्तन निदेशालय ने जिस लोगों को दोषी ठहराने की मांग की है कि उनमें एडवोकेट विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा, रिंकी सिन्हा, अर्चना सिन्हा, विजय कुमार, निर्मला कुमार और मे. हरजिग बिजनेस एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लि. के नाम हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रवर्तन निदेशालय ने रेलवे के अज्ञात लोक सेवकों  विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा, विजय कुमार और अन्य के खिलाफ मृत्यु दावा मामलों में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरतने और आपराधिक मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी।

    प्राथमिकी में कहा गया था कि मृत्यु से जुड़े रेलवे दावों में घपला किया गया और दावेदारों को रेलवे से मिली राशि में से केवल एक हिस्सा ही दावेदारों को दिया गया, जबकि बड़ा हिस्सा साजिशकर्ताओं ने हड़प लिया।

    जांच में यह बात सामने आई कि एडवोकेट विद्यानंद सिंह और उनके वकीलों की टीम ने 900 से अधिक दावों का निपटारा किया। जिसे जज आरके मित्तल द्वारा पारित किया गया था।

    ईडी ने पाया कि विद्यानंद सिंह और उनके वकीलों की टीम ने दावेदारों की जानकारी के बिना उनके बैंक खाते खोले और उनका संचालन किया। उन्होंने रेलवे से प्राप्त दावा राशि को अपने खातों में या नकद निकालने के लिए दावेदारों के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान का इस्तेमाल किया।

    वकीलों के बैंक खाते में पैसा किया गया ट्रांसफर

    दावेदारों के बैंक खाते से वकीलों के बैंक खातों में 10.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। यही नहीं वकीलों की पत्नियों ने अपराध की इस आय को छिपाने के लिए एक कंपनी के नाम पर 24 अंचल संपत्तियां अर्जित की, जो पटना, नालंदा, गया और नई दिल्ली में स्थित है।

    इस मामले में इसी वर्ष जनवरी महीने में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पटना, नालंदा में छापा मारा था। जिसमें अधिवक्ता विद्यानंद सिंह, परमानंद सिन्हा और विजय कुमार को गिरफ्तार किया गया और वर्तमान में सभी न्यायिक हिरासत में हैं।

    यह भी पढ़ें-

    Patna News: ग्रामीण बैंक में इस घोटाले से हिल गया था बिहार, मास्टरमाइंड था मैनेजर; अब CBI करेगी जांच

    जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में लालू यादव से पूछताछ जारी, ED दफ्तर के बाहर RJD समर्थकों की नारेबाजी