एक साल में बदल गई है बिहार-झारखंड के कई स्टेशनों की सूरत, यात्री सुविधा के लिए कराए गए ये काम
Bihar News बीते एक साल में काफी बदल गई बिहार-झारखंड के रेलवे स्टेशनों की सूरत। यात्री सुविधाओं के विकास के लिए हुए काम का रेलवे ने पेश किया ब्योरा। पूमरे में 34 प्लेटफार्म ऊंचीकरण और 28 पर फुट ओवर ब्रिज निर्माण
जागरण संवाददाता, हाजीपुर। Indian Railway News: पूर्व मध्य रेल के अधिकार क्षेत्र के स्टेशनों पर प्लेटफार्म के उन्नयन और फुट ओवरब्रिज बनाने की दिशा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान काफी काम हुआ है। इन दोनों बदलावों से यात्रियों की सुरक्षा में अपेक्षित सुधार हुआ है। प्लेटफार्म को ऊंचा किए जाने से यात्रियों को ट्रेन में चढ़ना और उतरना आसान होता है, वहीं फुट ओवरब्रिज बनने के बाद रेलवे ट्रैक पार करने की मजबूरी कम होगी। रेलवे ने ऐसे सभी स्टेशनों की सूची जारी की है, जहां इन सुविधाओं का विकास किया गया है।
28 फुट ओवरब्रिज का किया गया है निर्माण
पूूूर्व मध्य रेलवे में यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आसानी से आने-जाने के लिए 28 फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। इनमें मतारी, फफराकुंड, रमना, विन्ढमगंज, नगरउंटारी, अरगडा, चोपन, महुआमिलान, दुद्धी नगर, महुरिया, गया, अनुग्रह नारायण रोड, बुधमा, मुरलीगंज, परमाजीवर-ताराजीवर, बदलाघाट, कोपरिया, बाजपट्टी, रामगढ़वा, कमतौल, कष्ठा, डेहरी आन सोन, पाटलिपुत्र, भदौरा, फतुहा, दानापुर, खगडिय़ा एवं नौगछिया स्टेशन शामिल हैं।
इसके साथ ही विभिन्न स्टेशनों के 34 प्लेटफार्म का ऊंचीकरण किया गया है। इनमें रमना, अरगडा, बरकाकाना, जरंगडीह, खुलदिल रोड, दानापुर, चंदौली मझवार, भभुआ रोड, जपला, गया, कुदरा, तुर्की, थाना बिहपुर स्टेशनों के एक-एक प्लेटफॉर्म, बोकारो थर्मल, मगरदहा, चोपन, चुरकी, नगरउंटारी, विन्ढमगंज, गढ़वा स्टेशनों के दो-दो प्लेटफार्म, फफराकुंड के तीन प्लेटफार्मों तथा मेरलग्राम के चार प्लेटफार्मों का ऊंचीकरण कार्य पूरा किया गया। इससे यात्रियों को ट्रेनों में चढऩे-उतरने में काफी सहुलियत होगी।
यात्रियों को प्लेटफार्म पर ट्रेन पकडऩे के दौरान बैठने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभिन्न स्टेशनों पर 13 पैसेंजर शेड का निर्माण कराया गया है। इनमें धनबाद स्टेशन पर 5, पाटलिपुत्र स्टेशन पर 3, गुलजारबाग एवं दिलदार नगर स्टेशन पर 2-2 एवं आरा स्टेशन पर एक पैसेंजर शेड का निर्माण हुआ। इसके अलावा पांचों मंडलों के विभिन्न स्टेशनों पर 147 छोटे पीएफ शेड का भी निर्माण किया गया है।