यूपी चुनाव में गठबंधन की कवायद, राजद-जदयू के अलग-अलग सुर-ताल
यूपी चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन में जहां तेजस्वी यादव ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की बात कही है तो वहीं जदयू ने इसका तीखा जवाब दिया है।
पटना [जेएनएन]। यूपी चुनाव को लेकर बिहार महागठबंधन में हलचल और विरोध के सुर सामने आने लगे हैं। आज बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फिर से कहा है कि हमारी इच्छा और विपक्ष के सभी दलों की मंशा यही होनी चाहिए कि भाजपा को वहां भी हराना है। इसके लिए सबको एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा और आरएलडी को इसके लिए एक मंच पर आना चाहिए।
जदयू ने कहा - हमारी चिंता किसी को करने की जरूरत नहीं
वहीं जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अपने पार्टी के सांगठनिक विस्तार के लिए जदयू यूपी में चुनाव लड़ेगा, किसी और को हमारी चिंता करने की ज़रूरत नहीं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में समाजवादी पार्टी ने पहले गठबंधन किया फिर महागठबंधन तोड़कर अकेले ही चुनाव लड़ा। फायदा क्या हुआ? उन्हें बिहार में मुंह की खानी पड़ी।
बिहार में सपा ने दिया था धोखा, हमें सब याद है
नीरज कुमार ने कहा कि अब हमारी पार्टी की जो भी क्षमता है, हम अपने दम पर ही उसे आजमाएंगे। उन्होंने तीखा बाण छोड़ते हुए कहा कि हमारा कोई भी नेता या कार्यकर्ता यूपी में पार्टी छोड़कर किसी और के साथ नहीं गया। हमारी पार्टी भली-भांति जानती है कि हमें क्या करना है? हमें किसी के नसीहत की कोई जरुरत नहीं है।
शरद यादव के घर पर होनी थी महागठबंधन की बात
शुक्रवार को जेडीयू के सीनियर नेता शरद यादव के घर पर महागठबंधन बनाने की कोशिश में जुटे सभी दलों के नेता जुटे। चरण सिंह की जिंदगी पर लिखी एक किताब का विमोचन किया गया जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी व्यस्तता के कारण नहीं जा सके, लेकिन इस आयोजन पर राजद का ना ही कोई नेता ना ही कोई सदस्य आया, इसपर काफी प्रतिक्रिया दी गई।
इसके बाद शरद यादव ने कहा था कि बिहार की तरह यूपी में भी महागठबंधन की बात पर सबकी सहमति मिलनी चाहिए थी जो अबतक नहीं हो रही। उन्होंने फिर दुहराया कि यूपी से बीजेपी को खदेड़ने के लिए सबकी एकजुटता जरूरी है।
नोेटबंदी पर भी नीतीश-लालू के अलग- अलग सुर
नोटबंदी के मुद्दे की बात करें तो लालू प्रसाद यादव तहे दिल से चाहते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नोटबंदी के सवाल पर उनके साथ सुर में सुर मिलाएं। पत्रकारों से बातचीत में राजद सुप्रीमो ने दावा किया कि कुमार 28 दिसम्बर को नोटबंदी के खिलाफ प्रस्तावित पार्टी के आन्दोलन में शिरकत करेंगे।
लेकिन 24 घंटे बाद लालू प्रसाद यादव ने अपने बयान से पलटी मार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कौन होता हूं नीतीश कुमार को टर्म्स डिक्टेट करने वाला।” दरअसल, मुंहफट नेता लालू प्रसाद यादव को ये संकेत मिल चुका है कि जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने स्टैंड से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
लालू और तेजस्वी ने कहा, जो हैं नोटबंदी के साथ वो रहें, एक दिन वापस आएंगे
हालांकि, नीतीश कुमार ने कहा था कि 50 दिन के बाद उनका दल नोटबंदी पर लिए गए अपने स्टैंड की समीक्षा करेगा और आगे की रणनीति तय करेगा। मुख्यमंत्री अपने निश्चय यात्रा में व्यस्त हैं। अभी तक 17 जिलों को उन्होंने कवर किया है, अभी 21 और जिलों में जाना है।
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इन सब बातों को जानते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि ‘‘नीतीश कुमार बेहद समझदार नेता हैं। पार्टी के सहयोगियों से राय मशविरा कर रहे हैं। हम उन्हें डिक्टेट नहीं कर सकते। उन्होंने कैशलेस मुददे पर केन्द्र से असहमति जताई है। अतः मुझे पूर्ण विश्वास है कि वो आन्दोलन का हिस्सा बनेंगे।”
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