Bihar News: कागज पर चल रहे NGO और सोसाइटी को किया जाएगा चिह्नित, रद होंगे रजिस्ट्रेशन
बिहार में निष्क्रिय एनजीओ और सोसाइटियों पर सख्त कार्रवाई होगी। मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने कागजी संस्थानों का रजिस्ट्रेशन रद करने की तैयारी शुरू कर दी है। विभागीय स्तर पर ऐसे संस्थानों को चिह्नित किया जा रहा है जिनका पता बदल गया है या जो निर्धारित आधार पर काम नहीं कर रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में निबंधित ऐसे एनजीओ और सोसाइटी जो क्रियाशील नहीं हैं और सिर्फ कागज पर चल रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने ऐसे कागजी संस्थानों का रजिस्ट्रेशन रद करने की तैयारी शुरू कर दी है।
विभागीय स्तर से ऐसे संस्थाओं को चिह्नित किया जा रहा है। इसमें ऐसे संस्थान की तलाश भी की जा रही जिनका पता बदल गया है या जो निर्धारित आधार पर काम नहीं कर रहे हैं।
विभागीय जानकारी के अनुसार, राज्य में वर्ष 1860 से 2016 तक कुल 34 हजार 776 एनजीओ का रजिस्ट्रेशन हुआ है। वर्ष 2016 के बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली, जिसके तहत अब तक कुल 4570 एनजीओ और 1771 फर्म निबंधित किए गए हैं।
एनजीओ और फर्म दोनों गैर-सरकारी संगठन हैं। एनजीओ समाज के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर काम करते हैं, जबकि फर्म दो या दो से अधिक व्यक्तियों से शुरू की जाती है और अपने लाभ के लिए काम करती है।
देशभर में क्रियाशील एनजीओ के रजिस्ट्रेशन के लिए 25 हजार और राज्य स्तर के लिए 15 हजार रुपये का शुल्क निर्धारित है। वहीं, फर्म के लिए एक हजार रुपये शुल्क लिया जाता है।
एनजीओ के ऑनलाइन निबंधन की भी व्यवस्था की गई है, जिसके लिए आम सभा का प्रस्ताव, कार्यकारिणी सूची, आकांक्षी सूची, कार्यालय प्रमाण पत्र आदि का विवरण देना होता है।
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