बिहार में निबंधित संगठनों के अंदर बदलाव करना अब आसान नहीं, कई बिंदुओं पर जांच के बाद मिलेगी मंजूरी
Bihar NGO Regulation बिहार में अब किसी भी निबंधित संस्था में संशोधन या परिवर्तन से पहले उसकी एक दर्जन बिंदुओं पर जांच की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि संस्था को किसी भी प्रकार का विदेशी धन या चंदा तो नहीं मिल रहा है।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar NGO Regulation: बिहार में अब किसी भी निबंधित संस्था में संशोधन या परिवर्तन से पहले उसकी एक दर्जन बिंदुओं पर जांच की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि संस्था को किसी भी प्रकार का विदेशी धन या चंदा तो नहीं मिल रहा है। अगर विदेशी धन या चंदा नहीं मिल रहा, तो संस्था के अध्यक्ष एवं सचिव इसका हस्ताक्षरित स्व घोषणा पत्र देंगे। इसके अलावा संस्था के आम सभा में पारित प्रस्ताव, आडिट रिपोर्ट, वार्षिक प्रतिवेदन आदि की जांच भी निबंधन विभाग के अधिकारी करेंगे। इसके बाद ही संस्था में संशोधन को हरी झंडी दी जाएगी। निबंधन विभाग ने इस बाबत सभी प्रमंडलीय सहायक निबंधन महानिरीक्षकों और जिला अवर निबंधकों को आदेश जारी किया है।
निबंधित संस्था में संशोधन से पहले होगी विदेशी चंदे की जांच
आदेश में कहा गया है कि कई बार संस्था के संशोधन, परिवर्तन या विवाद आदि के बाद संस्था की जांच कराई जाती है, मगर इसमें कई बिंदुओं का स्पष्ट उल्लेख नहीं होता। ऐसे में आगे से इस तरह के प्रस्ताव को अभिलिखित करने से पहले विभाग द्वारा प्रविधानों के अनुरूप जांच की जाए। जांच के बाद निबंधन विभाग के अधिकारी अपना स्पष्ट मंतव्य भी देंगे, ताकि उच्च अधिकारियों के सामने स्थिति स्पष्ट हो सके। नए संशोधन के बाद एनजीओ में बदलाव करना आसान नहीं रह जाएगा। सभी मानकों पर खतरा उतरने पर ही इसकी मंजूरी दी जाएगी।
इन बिंदुओं पर भी की जाएगी जांच
- प्रथम व द्वितीय आम सभा में पारित प्रस्ताव के अनुरूप संशोधन है या नहीं।
- संस्था के आलेख्य में संशोधन का प्रस्ताव नियमावली के अनुरूप पारित है या नहीं।
- पिछले तीन वर्षों की आडिट रिपोर्ट, वार्षिक प्रतिवेदन आम सभा से पारित है या नहीं।
- आमसभा की बैठक किसकी अध्यक्षता व किन सदस्यों के साथ संपन्न हुई।
- संस्था के कार्यालय का पता, आमसभा के कुल सदस्यों की संख्या।
- संस्था के विरुद्ध किसी प्रकार का परिवाद हो, तो उसकी भी जांच आदि।
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