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    सरकारी अनुदान लेने वाले एनजीओ आयकर विभाग के रडार पर, बिहार में छह साल का ब्‍यौरा मांगा

    By Jagran NewsEdited By: Shubh Narayan Pathak
    Updated: Fri, 04 Nov 2022 12:50 PM (IST)

    Bihar News बिहार में एनजीओ के वित्‍तीय लेनदेन पर इनकम टैक्‍स विभाग की नजर। आयकर विभाग मांग रहा एनजीओ को दिए गए अनुदान का हिसाब-किताब। कृषि विभाग से मांगी गई है पांच वित्तीय वर्ष की जानकारी। शिक्षा स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग भी रडार पर

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    बिहार में एनजीओ पर कसेगी आयकर विभाग की नकेल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। आयकर विभाग ने बिहार सरकार से विभिन्न कार्यों के लिए अनुदान लेने वाले एनजीओ, चैरिटेबल ट्रस्ट और निबंधित सहयोग समितियों की कुंडली खंगालने की कवायद तेज कर दी है। इसी के तहत कृषि विभाग से पिछले पांच वित्तीय वर्ष की जानकारी मांगी गई है। इसमें वित्तीय वर्ष 2015-16 से लेकर 2021-22 तक का ब्योरा संयुक्त आयकर आयुक्त ने तलब किया है। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग भी आयकर के रडार पर हैं।

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    अगस्‍त में ही लिखा था पत्र 

    पारंपरिक एवं जैविक खेती के लिए कृषि विभाग एनजीओ को अनुदान देता है। दो महीने पहले मांगी गई यह जानकारी आयकर विभाग को अभी तक नहीं मिली है। इसी आधार पर कृषि विभाग के उप सचिव ने कृषि निदेशक, उद्यान निदेशक, भूमि संरक्षण निदेशक और विभाग के मुख्य लेखा पदाधिकारी को पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट किया है। 19 अगस्त के पत्र का विस्तार से जिक्र करते हुए तय प्रारूप पर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

    तय फार्मेट में देनी होगी दानदाताओं की सूची

    उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग से जुड़े एनजीओ की कुंडली खंगालने का उद्देश्य हेराफेरी और कर चोरी को रोकने का है। वर्तमान में दर्जनों की संख्या में ऐसे एनजीओ, ट्रस्ट और निबंधित सहयोग समितियां हैं, जो विभिन्न विभागों के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये का अनुदान लेती हैं। विभागों को अब यह जानकारी देनी होगी कि एनजीओ आदि को प्रतिवर्ष किसने कितना दान दिया। दानदाताओं की सूची भी तय फार्मेट में देनी होगी। 

    अफसरों व संस्थाओं के संचालकों में खलबली

    आयकर विभाग की पत्र से राज्य सरकार के अधिकारियों, एनजीओ, चैरिटेबल ट्रस्ट और निबंधित सहयोग समितियों और संस्थाओं के संचालकों में खलबली मची हुई है। निकट भविष्य में आशा है कि अफसरों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से संचालित संस्थाओं पर नियंत्रण हो सकेगा। फर्जी दान बताकर आयकर छूट लेने वालों पर भी शिकंजा कसेगा।

    आयकर में छूट व करमुक्त आय का प्रविधान

    बता दें कि धारा-12 (ए) के तहत पंजीकृत चैरिटेबल ट्रस्ट, एनजीओ, सोसायटी आदि की आय करमुक्त होती है। धारा-80 (जी) के तहत पंजीकृत संस्था को दान देने पर आयकर नियमों के तहत दाता को कर पर छूट प्राप्त होती है। 

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