'तेरी उम्मीद से ज्यादा सनकी हूं', यूट्यूबर भी है शूटर तौसीफ बादशाह; चंदन मिश्रा मर्डर केस की Inside Story
पुलिस के मुताबिक तौसीफ बादशाह पटना के फुलवारी शरीफ का रहने वाला है। उसने सेंट कैरेंस स्कूल से पढ़ाई की है। तौसीफ का पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। आर्म्स एक्ट के तहत कम से कम एक मामले में उसका नाम दर्ज है। तौसीफ हाल ही में सुपारी किलिंग में शामिल हुआ था।

राधा कृष्णा,पटना। बिहार की राजधानी पटना के हाई प्रोफाइल पारस अस्पताल हत्याकांड के मुख्य हत्यारे के रूप में पहचाने गए पटना निवासी 26 वर्षीय तौसीफ बादशाह कोई अनजान व्यक्ति नहीं है। अस्पताल के एक कमरे में पाँच लोगों के एक दल को ले जाकर, अपने शिकार को मौत के घाट उतारकर, फिर उसी बेबाकी से बाहर निकलने के एक दिन बाद, तौसीफ बादशाह का सोशल मीडिया हैंडल सामने आया है ।
रील और रियल लाइफ की सच्चाई
तौसीफ के इंस्टाग्राम अकाउंट पर कई रील हैं जिनमें अलग-अलग तरह से अपने बारे में बताया है। जिसमें कुछ खास को मैं आपसे भी शेयर कर रहा हूं- लोग बातें बनाते रह जाएंगे और हम कहानी बनाकर छोड़ जाएंगे.... हां ये बात कुछ हद तक रियल लाइफ में सही भी लग रही है।
वहीं, एक रील में उसने अपने बारे में कहा है कि जिस जंगल में तुम शेर बने घूमते हो, उस जंगल के बेख़ौफ़ शिकारी हैं हम..... साथ ही एक रील में दिखा रहा है कि रॉब आंखों में होनी चाहिए लाला, वरना हथियार तो चौकीदार भी रखता है..... ये बाते कहीं ना कहीं पारस अस्पताल में बेखौफ तरीके से अंदर घुसने के अंदाज और गोली मारकर हत्या करने बाद निकलने का अंदाज कहीं ना कहीं रील लाइफ से रियल राइफ तक दिख रहा है।
ये बातें कहीं ना कहीं पारस अस्पताल में बेखौफ तरीके से अंदर घुसने के अंदाज और गोली मारकर हत्या करने बाद निकलने का अंदाज कहीं ना कहीं रील लाइफ से रियल राइफ तक दिख रहा है।
तौसीफ बादशाह कौन है?
पुलिस के अनुसार, तौसीफ बादशाह पटना के फुलवारी शरीफ का रहने वाला है। उसके पिता का हार्डवेयर का व्यवसाय है। उसकी माँ एक शिक्षिका हैं। उसने सेंट कैरेंस स्कूल से पढ़ाई की है। तौसीफ का पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। आर्म्स एक्ट के तहत कम से कम एक मामले में उसका नाम दर्ज है।
पुलिस के अनुसार, तौसीफ हाल ही में सुपारी किलिंग में शामिल हुआ था। उसने हत्याओं को अंजाम देने या ऐसी गतिविधियों के लिए रसद मुहैया कराने के लिए पैसे लेना शुरू कर दिया था।
पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस हत्या की जड़ चंदन मिश्रा और शेरू नाम के एक गैंगस्टर के बीच पुरानी दुश्मनी है। कभी दोस्त रहे चंदन और शेरू के बीच भागलपुर जेल में झगड़ा हो गया था। बाद में चंदन अलग हो गया और स्वतंत्र रूप से काम करने लगा। हालाँकि, वह अभी भी अपने गिरोह को "शेरू गैंग" के नाम से ही चलाता रहा।
चंदन मिश्रा हत्याकांड
राजधानी पटना में बेखौफ अपराधियों ने गुरुवार की सुबह सवा सात बजे राजा बाजार स्थित पारस एमएमआरआई हॉस्पिटल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती कैदी चंदन मिश्रा को बेड पर ही गोलियों से भून डाला।
घटना को पांच शूटरों ने अंजाम दिया और सभी के हाथ में ऑटोमैटिक पिस्टल थे। दुस्साहसी ऐसे कि चेहरा भी नहीं ढका था, चार ने टोपी पहनी थी, एक लंबे बाल व दाढ़ी वाला शूटर सबसे आगे था, कुछ सेकंड में कमरा नंबर 209 में भर्ती कैदी को ताबड़तोड़ गोली मारकर आराम से भाग निकले।
फायरिंग की आवाज सुनकर बगल के कमरे में भर्ती मरीज के तीमारदार बाहर निकले, परंतु शूटरों को टोकने का साहस नहीं कर सके।
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार
पारस एचएमआइआई हास्पिटल के वार्ड नंबर 209 में भर्ती गैंगस्टर चंदन मिश्रा की पैरोल खत्म होने के एक दिन पहले ही हत्या कर दी गई। वार्ड के बाहर एक सीसीटीवी फुटेज में सभी शूटरों का चेहरा कैद हो गया है। पुलिस की मानें तो घटना सुबह 7.15 बजे की है। पांचों शूटर एक साथ ओपीडी के रास्ते अस्पताल की दूसरी मंजिल पर चंदन के वार्ड के बाहर पहुंचते है।
आसपास और भी प्राइवेट वार्ड थे। बीच में गैलरी था। गैलरी में घुसते ही एक पीले रंग का टीशर्ट पहने हुए युवक उनकी बगल से गुजर जाता है। पांचों वहां से कतार में आगे बढ़ते है। इसमें आगे चल रहे शूटर की दाढ़ी लंबी और बाल भी लंबे थे। वही आगे चल रहा था। इसके पीछे बाकी के चारों शूटर चल रहे थे।
किसी ने नकाब या मास्क नहीं पहन रखी थी। पीछे चल रहे चारों शूटरों ने अलग-अलग रंग की टोपी पहले थे। जबकि आगे चल रहा शूटर इस कदर बेखौफ था कि उसने टोपी भी नहीं पहनी थी। जिस अंदाज में शूटर वार्ड की तरफ बढ़ रहे थे, इससे साफ है कि उन्हें पहले से पता था कि चंदन किस वार्ड में भर्ती है।
सभी सीधे वार्ड नंबर 209 के दरवाजे के पास पहुंचते है। सभी शूटर कमर से एक-एक पिस्टल निकालते है। गेट पर पिस्टल काक करते है और वार्ड का दरवाजा खोलते हुए बेड पर लेटे चंदन पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। उसे बेड से हिलने का भी मौका नहीं मिला।
बेड से लेकर फर्श पर खून पसर गए और दीवार भी खून के छींटे से लाल हो गया। फिर पहले चारों शूटर पिस्टल कमर में खोसते हुए तेजी से वार्ड से निकलते हुए जिस दिशा से आए उधर भागने लगे।
आखिरी में वह शूटर निकला, जो वार्ड में सबसे पहले पिस्टल लेकर दाखिल हुआ था। शूटरों ने चंदन पर ताबड़तोड़ 34 सेकेंड तक गोलियां बरसाई। आखिरी में वार्ड से निकलने वाला शूटर कुछ कदम टहलते हुए आगे बढ़ता है। और निकल जाता है बाहर।
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