Patna News: 'बिना रोक-टोक पारस अस्पताल में कैसे घुसे शूटर, होगी जांच'; चंदन मिश्रा हत्याकांड पर बोले डीजीपी
पटना के पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या के बाद अस्पताल प्रशासन जांच के घेरे में है। डीजीपी ने कहा कि वर्दी में पुलिस को रोकने वाले अस्पताल में हथियारबंद अपराधी कैसे घुसे इसकी जांच होगी। राज्य के अस्पतालों के सुरक्षा मानकों को लेकर एडवाइजरी जारी होगी। पुलिस ने शूटरों की पहचान कर ली है और जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, पटना। पारस अस्पताल में घुसकर अपराधी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में अस्पताल प्रशासन भी जांच के दायरे में है। डीजीपी विनय कुमार ने गुरुवार को कहा कि जिस अस्पताल में वर्दी में होने पर भी पुलिसकर्मियों को प्रवेश से पहले रोका-टोका जाता है, वहां बिना रोक-टोक हथियार से लैस अपराधी कैसे घुस गए, इसकी जांच कराई जाएगी।
इसकी भी जांच की जा रही है कि अस्पताल में जिस बवासीर के ऑपरेशन का हवाला देकर चंदन मिश्रा भर्ती किया गया था, उसका ऑपरेशन किया गया या नहीं।
डीजीपी ने कहा कि इस घटना को देखते हुए राज्य के सभी अस्पतालों के सुरक्षा मानकों को लेकर भी एडवाइजरी जारी की जाएगी। इसमें अस्पताल में तैनात निजी सुरक्षा गार्डों को प्रशिक्षित करने से लेकर इस तरह की घटना से निबटने के लिए माक ड्रिल आदि कराने का निर्देश दिया जाएगा।
विवादित जमीन का मामला, किया गया था अलर्ट:
डीजीपी ने कहा कि चंदन मिश्रा दुर्दांत अपराधी रहा है। वह दर्जन भर हत्याकांड में सजायाफ्ता है और पेरोल पर बाहर आया था। उसे पहले फांसी की सजा हुई थी जिसे अपील के बाद आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।
वह जमीन के धंधे से भी जुड़ था और हत्या के पीछे जमीन विवाद का मामला संभावित है। कई अपराध में उसके सह अभियुक्त रहे अपराधी ही बाद में उसके प्रतिद्वंद्वी हो गए थे। पुलिस-प्रशासन ने आसूचना के बाद अभिषेक को सुरक्षा को लेकर अलर्ट भी किया था।
अपराधियों की हुई पहचान, जल्द होगी गिरफ्तारी:
डीजीपी ने कहा कि अस्पताल के वीडियो फुटेज के आधार पर शूटरों की पहचान कर ली गई है। कई क्लू मिले हैं, जिसके आधार पर पुलिस छापेमारी कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अपराध बढ़ने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि घटनाएं बढ़ी नहीं है। आज एक-एक घटना पर नजर रखी जा रही है। इस साल जुलाई में अभी तक पटना में 13 हत्याएं हुई हैं, जबकि पिछले साल पूरे जुलाई माह में 49 हत्याएं हुई थीं।
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