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    Bihar MLA MLC Salary: एमएलए-एमएलसी को नहीं मिली दिसंबर महीने की सैलरी, 13000 करोड़ का लेन-देन अटका

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 03:51 PM (IST)

    बिहार में सीएफएमएस-2 में तकनीकी खराबी के चलते 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अटका हुआ है। विधायकों और विधान पार्षदों को भी अभी तक वेतन नहीं मिला है। पेंशनधारक भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। वित्त विभाग के अनुसार कुछ तकनीकी समस्याएं हैं जिन्हें जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विभागों के बीच वित्तीय लेन-देन के लिए सीएफएमएस-2 नई व्यवस्था है।

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    एमएलए-एमएलसी को नहीं मिली दिसंबर महीने की सैलरी, 13000 करोड़ का लेन-देन अटका

    राज्य ब्यूरो, पटना। कंप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम-2 (सीएफएमएस-2) में तकनीकी समस्या के कारण पूरे बिहार में 13 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान अटक गया है। इसमें वेतन-पेंशन की राशि भी है।

    स्थिति यह है कि माह के पहले सप्ताह में ही वेतन पाने वाले विधायकों व विधान पार्षदों के खाते में भी अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। पेंशनधारक भी इस समस्या से रूबरू हैं।

    उल्लेखनीय है कि विभागों के बीच वित्तीय लेन-देन के लिए सीएफएमएस-2 नई व्यवस्था है। केंद्र सरकार के निर्णय-निर्देश के अनुसार, अब हर प्रकार का लेन-देन इसी व्यवस्था से होगा। वित्तीय अनुशासन के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को प्रभावी कर दिया।

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    3 जनवरी से रुक गई वित्तीय गतिविधियां

    इसके लिए वित्त विभाग सहित विभिन्न विभागों में कोषागार से संबद्ध अधिकारियों-कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है, फिर भी तकनीकी समस्या पेश आ रही। इस कारण तीन जनवरी से राज्य सरकार की वित्तीय गतिविधियां रुक सी गई हैं।

    पहले कब आती थी सैलरी?

    विधायकों-विधान पार्षदों (Salary Of Bihar MLA and MLC) और सरकारी सेवकों के वेतन-पेंशन के साथ विभिन्न विभागों और सरकारी एजेंसियों के विपत्रों का भुगतान लटका हुआ है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक विधान पार्षद ने बताया कि इससे पहले प्रत्येक माह की पहली से तीसरी तारीख के बीच वेतन मिलता रहा है। इस बार अब तक बैंक खाते में राशि नहीं आई। कुछ सरकारी सेवक भी यही दुखड़ा सुना रहे।

    केंद्र सरकार ने लागू की है ये व्यवस्था

    उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने आई-सीएफएमएस व्यवस्था लागू की है। इसके अंतर्गत राज्यों को केंद्रीय विशेष सहायता योजना की राशि तब मिलेगी, जब उनकी सीएफएमएस केंद्र की आई-सीएफएमएस व्यवस्था से संबद्ध हो जाएगी। बताते हैं कि इसके लिए बिहार में थोड़ी जल्दबाजी हुई। सीएफएमएस वस्तुत: ट्रेजरी से जुड़ी तकनीकी व्यवस्था है।

    वित्तीय कार्यों के निष्पादन में तेजी और पारदर्शिता के लिए सीएफएमएस-2 पोर्टल में कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं। वित्त विभाग के सूत्र बता रहे कि कुछ तकनीकी समस्याएं हैं, जिसे यथाशीघ्र सुलझा लिया जाएगा। बहरहाल सीएफएमएस-2 से बिलिंग में बहुत अधिक परेशानी होने पर कोषागार से भी भुगतान की वैकल्पिक व्यवस्था है।

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