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नौकरशाह से राजनेता बने अारके सिंह, PM मोदी कैबिनेट में दोबारा हुए शामिल

भोजपुर सीट से जीत दर्ज करने वाले नौकरशाह से राजनेता बने भाजपा नेता आरके सिंह मोदी कैबिनेट में फिर शामिल हुए। आरके सिंह आडवाणी का रथ रोककर चर्चा में आए थे।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 02:56 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 09:58 AM (IST)
नौकरशाह से राजनेता बने अारके सिंह, PM मोदी कैबिनेट में दोबारा हुए शामिल
नौकरशाह से राजनेता बने अारके सिंह, PM मोदी कैबिनेट में दोबारा हुए शामिल

भोजपुर, जेएनएन। नौकरशाह से राजनेता बने 1975 बैच के आईएएस अधिकारी राजकुमार सिंह यानी आरके सिंह को मोदी कैबिनेट में दोबारा शामिल कर लिया गया। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्‍हें मंत्री पद की शपथ दिलाई। वे आरा से दोबारा सांसद बने थे। उन्‍होेंने सीपीआई माले के उम्‍मीदवार राजू यादव को हराया था। इसके पहले भी आरके सिंह केंद्र में मंत्री थे।  

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आरके सिंह मूल रूप से सुपौल जिले के रहनेवाले हैं। वैसे पटना में भी इनका अपना घर है। राजकुमार सिंह की शादी भोजपुर जिले के गजियापुर गांव में शीला सिंह के साथ हुई है।

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देश के गृह सचिव के पद से अवकाश ग्रहण करने के उपरांत भाजपा के टिकट पर पहली बार आरा संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2014 में सांसद चुने गए। लालू सरकार में वर्ष 1990 में समस्तीपुर में डीएम के पद पर रहते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के रथ को रोककर ये सुर्खियों में आए थे।

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बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर एवं कई जिलों में जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार भाजपा प्रत्याशी बनाए गए और शानदार जीत दर्ज की। वे नरेन्द्र मोदी की सरकार में केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री बने। अपने संसदीय कार्य काल में राजकुमार सिंह ने विकास के कई बड़े आयाम को भी गढ़ा हैं।

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भोजपुर के सिंचाई के लिए लाइफ लाइन के रूप में जाने जाने वाली सोन नहर प्रणाली के पक्कीकरण कार्य की स्वीकृति इनके पहल से प्राप्त हुई है। आरा में रेलवे ओवरब्रिज, शहर में सिक्सलेन पुल, भोजपुर- बक्सर फोरलेन सड़क का निर्माण, जिले में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वीकृति के अलावा बिजली एवं रेलवे के क्षेत्र में भी कई बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति दिलाने एवं धरातल पर उतारने का कार्य किया है।

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66 वर्षीय राजकुमार सिंह ने वर्ष 1973 में सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में स्नातक की थी एवं वर्ष 2000 में मगध विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इससे पूर्व 1986 में आरवीवी नीदरलैंड से मैनेजमेंट में डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की है।

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