Bihar News: तापमान में उतार-चढ़ाव से बढ़ी परेशानी, तीन अस्पतालों में 36 ब्रेन हेमरेज के मरीज भर्ती
बिहार में मौसम बदलने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ रही हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। पटना के अस्पतालों में ब्रेन हेमरेज के 36 से अधिक मरीज भर्ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ठंडे मौसम में रक्त का थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए और लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

बिहार में बढ़ रही मरीजों की संख्या
जागरण संवाददाता, पटना। मौसम के बदलते मिजाज ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। दिन में हल्की धूप और रात में ठंडी हवाओं के बीच तापमान में उतार-चढ़ाव से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। बच्चों में सर्दी–खांसी और बुखार के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं वयस्क और बुजुर्ग ब्रेन हेमरेज और हृदयाघात की चपेट में आ रहे हैं।
राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में 36 से अधिक मरीज ब्रेन हेमरेज के पीड़ित भर्ती हैं। इनमें 25 मरीज आइजीआइएमएस में भर्ती हैं, जबकि शेष पीएमसीएच और एम्स पटना में हैं। चिकित्सकों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह के भीतर चार मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
रक्त का थक्का जमने का बढ़ जाता खतरा
आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि पहले ब्रेन हेमरेज की समस्या मुख्य रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब 35 से 40 वर्ष के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
एम्स के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. विकास कुमार झा और पीएमसीएच के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. रोहित कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में हेमरेज के मरीजों की संख्या बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि धूप नहीं निकलने के कारण लोग घरों में अधिक समय बिता रहे हैं। ठंडे मौसम में शरीर की धमनियां सिकुड़ जाती हैं और खून गाढ़ा होने लगता है, जिससे रक्त का थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है। यही ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक का कारण बनता है।
पुरानी बीमारियों वाले मरीजों में सबसे अधिक खतरा
चिकित्सकों का कहना है कि ब्रेन हेमरेज से पीड़ित अधिकतर मरीज पहले से किसी न किसी पुरानी बीमारी जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हृदय रोग से ग्रसित हैं। पीएमसीएच के अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर ने बताया कि हाल के दिनों में हेमरेज के मामले बढ़े हैं।
तेज सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी, बोलने में कठिनाई, दृष्टि धुंधला या शरीर के किसी हिस्से में सुन्नपन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे संकेत मिलते ही तुरंत अस्पताल जाएं ताकि समय रहते उपचार मिल सके।
आइजीआइएमएस के न्यूरो मेडिसीन के डा. अभय कुमार ने बताया कि मौसम के इस उतार-चढ़ाव में शरीर को हाइड्रेट रखना, संतुलित आहार लेना और तनाव से बचना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज अपनी दवाएं डाक्टर की सलाह पर ही लें और नियमित जांच कराते रहें।
बरतें सावधानी
- अधिक वजन है तो कम करें।
- तला-भुना और तेलयुक्त भोजन से परहेज करें।
- दिनभर में पांच ग्राम से अधिक नमक नहीं लें।
- बीपी की दवा डाक्टर की सलाह अनुसार ही लें, स्वयं बदलाव न करें।
- रोजाना कुछ समय धूप में रहें ताकि शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिले।
- तनाव और रातभर जागने से बचें।
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