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    BPSC Paper Leak मामले में ईओयू को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, दलील सुनने के बाद अदालत ने सुनाया ये फैसला

    Updated: Wed, 22 Jan 2025 10:38 PM (IST)

    बीपीएससी 67वीं परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को पटना हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ ने ईओयू द्वारा दायर क्रिमिनल रिवीजन याचिका को निरस्त करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया है। ईओयू ने कोर्ट को बताया कि 08 मई 2022 को आयोजित बीपीएससी की परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र वायरल कर दिया गया था।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    विधि संवाददाता, पटना। बीपीएससी 67वीं परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को पटना हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है।

    न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की एकल पीठ ने ईओयू द्वारा दायर क्रिमिनल रिवीजन याचिका को निरस्त करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया है।

    ईओयू ने दी यह दलील

    • ईओयू ने कोर्ट को बताया कि 08 मई 2022 को आयोजित बीपीएससी की 67वीं परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया गया था।
    • परीक्षा प्रदेश के विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी। प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना के बाद आरा स्थित वीर कुंवर सिंह कॉलेज के कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया।
    • वायरल प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट को बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक को सौंप दिया गया था। इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच के बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया।
    • सह-अभियुक्त के बयान के आधार पर एक आवेदक को अभियुक्त बनाया गया था, जिसे बाद में निचली अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया। इस फैसले को ईओयू ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

    हाई कोर्ट ने कहा- निचली अदालत का आदेश उचित

    ईओयू ने अपनी दलील में कहा कि आवेदक अन्य अभियुक्तों के संपर्क में था और उसने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया था।

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    हालांकि, हाई कोर्ट ने पाया कि आवेदक के खिलाफ ऐसा कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे उसे दोषी ठहराया जा सके।

    कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत द्वारा आरोपमुक्त करने का आदेश उचित था और उसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

    242 अभ्यर्थियों की हुई काउंसलिंग

    उधर, बीपीएससी द्वारा तृतीय चरण में नियुक्त अभ्यर्थियों की काउंसलिंग दूसरे दिन भी पटना में स्थित डीआरसीसी में हुई।

    जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राजकमल ने बताया कि दूसरे दिन काउंसलिंग के 250 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। जिसमें से 242 अभ्यर्थियों के मूल कागजातों की जांच की गई। जो समय पर नहीं आ पाए उनको फिर से अलग से समय दिया जाएगा।

    उन्होंने बताया कि सभी अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के अलग-अलग स्लॉट दिया गया है। उसी के अनुसार मूल कागजातों की जांच की जा रही हैं। काउंसलिंग प्रक्रिया 30 जनवरी तक चलेगी।

    सासाराम में भी हुई काउंसलिंग

    सासाराम जिले में भी शिक्षकों की काउंसलिंग बुधवार को कराई गई। दूसरे दिन 234 अध्यापकों के प्रमाण पत्रों की जांच की गई। प्रमाण पत्रों के सत्यापन को लेकर अभ्यर्थियों की भीड़ लगी रही।

    डीईओ मदन राय ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में बीपीएससी के माध्यम से टीआरई थ्री के तहत नियुक्त होने वाले विद्यालय अध्यापकों की काउंसलिंग मंगलवार से जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र मोकर में शुरू हुई। इसके लिए पांच काउंटर बनाया गया है।

    पहले दिन 250 शिक्षकों को काउंसलिंग में उपस्थित होना था, जिसमें से 236 शिक्षक उपस्थित हुए। उपस्थित शिक्षकों में से दो का किसी कारणवश काउंसलिंग नहीं कराई जा सकी।

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